जयपुर, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि पेपर लीक से ज्यादा घिनौना अपराध कुछ नहीं है। अगर किसी नेता, अफसर को काली कमाई करनी भी है तो कोई और विभाग पकड़ लो। देश-प्रदेश में पेपर लीक मत करो। आप सब लोग पेपर लीक पर मेरे स्टैंड को जानते हो। मैं कल भी उस पर कायम था, आज भी कायम हूं, आगे भी हमेशा कायम रहूंगा। कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों न हो। पायलट गुरुवार को जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में बोल रहे थे।
पायलट ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस नीट मुद्दे को राहुल गांधी ने लोक सभा में उठाया, वह अब देश में एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। भारत में परीक्षा पास कर नौकरी पाना बहुत कठिन हो गया है। कुछ पदों के लिए हजारों बच्चे परीक्षा में बैठते हैं। परीक्षा एक तरीके से बच्चों के साथ-साथ उनके मां-बाप की भी परीक्षा होती है। वे इसे लेकर प्रार्थना करते रहते हैं कि उनका बच्चा परीक्षा में पास हो जाए। लेकिन, देश में पेपर लीक जैसी घटनाएं सामने आती हैं तो इससे बच्चों और उनके अभिभावकों की सारी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है। ऐसे मामलों में सरकार के पास कोई जवाब नहीं होता है। ऐसा क्यूं होता है, हमें इसके जवाब तलाश करने होंगे। सिर्फ भाषण देने और कागजी कार्रवाई करने से समस्या का हल नहीं निकलता। पर्दे के पीछे बैठक कर कौन इन पेपर लीक जैसे गंभीर मामलों में शामिल हैं, उन्हें पकड़ने की जरूरत है। यही नहीं, सत्ता में बैठे जो लोग ऐसे मामलों पर पर्दा डालते हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे मामलों के सामने आने से मेहनत करने वाले बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है। अपने हक के लिए उन्हें कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि जिसने भी जाने अनजाने में हजारों-लाखों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। मुझे लगता है किसी ने सही कहा है हर गलती सजा मांगती है। अगर आप गलती करोगे तो आपको सजा मिलनी भी चाहिए। नौजवान के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का हक किसी को नहीं है। चाहे आप कितने भी बड़े नेता या अधिकारी ही क्यों न हो। परीक्षा में तैयारी कर नौकरी हासिल करना इस देश में सबसे ज्यादा कठिन हो गया है। इस प्रक्रिया में सिर्फ बच्चा नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार शामिल होता है। नीट में हुई धांधली का सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।
पायलट ने कहा कि सरकार खुद इस बात को स्वीकार कर रही है कि कुछ जगह गड़बड़ी हुई है। अब वक्त आ गया है कि हम सबको पूछना होगा कि पेपर लीक होते क्यों हैं? इन्हें कौन करवाता है। कागजी कार्रवाई करने, भाषण देने और घड़ियाली आंसू से कुछ नहीं होगा। उन लोगों को पकड़ना पड़ेगा। आखिर पेपर लीक कौन करवा रहा है। उन लोगों को मजबूर करना पड़ेगा, जो सत्ता में रहकर इस तरह के घिनौने अपराध को बर्दाश्त करते हैं। क्योंकि जो लोग इस अपराध को बर्दाश्त कर रहे हैं। वह भी उतने ही गुनहगार हैं।
पायलट ने कहा कि चार साल चार महीने के बाद राजस्थान में कांग्रेस की सरकार फिर से बनने जा रही है। उसमें आप सब लोगों को साथ देना पड़ेगा। राजस्थान की भाजपा सरकार बहुत ज्यादा लंबी नहीं चलेगी। छात्रसंघ के चुनाव राजस्थान में होने चाहिए। पहले नहीं हुए, वह बात अब पुरानी हो गई है। आज न जाने क्यों सरकार छात्रसंघ चुनाव रोकना चाहती है। छात्रसंघ चुनाव लड़ने वाले लोगों को आगे बढ़ने का एक मंच मिलता है। वैसे भी सत्ता में रहकर इंसान बंध जाता है। विपक्ष में रहकर आप अपनी काबिलियत को साबित कर सकते हो।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के कृषि मंत्री का पता नहीं चल रहा है कि वह सत्ता में है या फिर नहीं हैं। मामला लटका हुआ नजर आ रहा है। लेकिन मुझे लगता है, अगर सरकार थोड़ा जोर लगाकर उन्हें मनाएगी तो किरोड़ी लाल मीणा मान जाएंगे।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बीजेपी ने तमाशा बनाकर रख दिया है। पर्ची से मुख्यमंत्री बना दिया, पर्ची से मंत्री बना दिए। इसके बाद मंत्री इस्तीफा देकर घर चल दिए। राजस्थान की जनता ने जिन्हें सत्ता सौंपी थी। जिन्हें सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी थी। वह लोग इस्तीफा देकर विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। इन लोगों ने तमाशा बनाकर रख दिया है। कोई कहता है विधानसभा से छुट्टी ले रखी है। कोई कहता है कि मुझे दिल्ली तलब कर लिया गया है। बीजेपी के लोगों को अब यह नौटंकी छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि जनता ने इन्हें सेवा करने के लिए चुना था, नौटंकी करने के लिए नहीं।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है। जब विधानसभा में आवाज उठने के बाद भी सरकार उस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। क्योंकि इस सरकार को बदनामी का डर नहीं है। यह सरकार मेले में पिटी हुई सरकार है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि विधायकों के सवालों का मंत्रियों के पास जवाब तक नहीं है। मैं आज इस मंच के माध्यम से डोटासरा से आग्रह करना चाहूंगा कि वह भविष्य में होने वाले पंचायत चुनाव में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मौका दें। ताकि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को और ज्यादा मजबूत किया जा सके।
एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त बीजेपी छात्रसंघ चुनाव कराने के पक्ष में थी। आज बीजेपी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। उनसे जुड़ा छात्र संगठन एबीवीपी कोई आंदोलन नहीं कर रहा। अगर जल्द छात्रसंघ चुनाव का ऐलान नहीं हुआ तो एनएसयूआई प्रदेशभर में आंदोलन करेंगी। इसके साथ ही जयपुर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / रोहित / संदीप