जयपुर, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान विधानसभा में गुरुवार काे प्रश्नकाल के दौरान भ्रष्टाचार के मामलों में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति से जुड़े सवाल पर पक्ष विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई। हंगामे से नाराज विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत विपक्षी विधायकों को जमकर फटकार लगाई। देवनानी ने कहा कि आपको बाहर निकालने का प्रस्ताव लाना पड़ेगा।
प्रश्नकाल के दाैरान विधायक अतुल भंसाली के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि वर्तमान में कार्मिक विभाग के स्तर पर आई.ए.एस, आई.पी.एस, आर.ए.एस एवं आर.पी.एस. अधिकारियों के विरुद्ध कुल 18 प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित हैं। इस जवाब पर संसदीय कार्य मंत्री पटेल और नेता प्रतिपक्ष जूली के बीच जमकर नोकझोंक हुई। ससंदीय कार्य मंत्री पटेल ने कहा कि एसीबी के मामलों में आठ महीनों में कोई मंजूरी नहीं दी। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यही आपकी सरकार की जीरो टॉलरेंस है क्या? मंजूरी क्यों नहीं मिली। इस पर ससंदीय कार्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हर मामले में जल्दी से फैसला लेगी।
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष जूली, कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गाेविन्द सिंह डाेटासर समेत कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने मंत्री के जवाब पर नाराजगी जताते हुए सवाल उठाना चाहा, लेकिन स्पीकर ने मंजूरी नहीं दी। देवनानी ने बिना अनुमति बोलने पर कांग्रेस सदस्य को फटकार लगाई। स्पीकर ने कहा आप कौन होते हैं पूछने वाले, रोज व्यवधान करते हो। सदन आपके हिसाब से नहीं चलेगा। मुझे आपको निकालने का प्रस्ताव लाना पड़ेगा। आप जो चाहेंगे वो जवाब नहीं आएगा।
बाद में संसदीय कार्य मंत्री पटेल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आठ माह में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरुद्ध 11 प्रकरणों में अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अभियोजन स्वीकृति के सभी लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए गंभीरता से प्रयास किये जाएंगे। वर्तमान में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरुद्ध कुल 18 प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित हैं। इनमें वर्ष 2018 व वर्ष 2019 का एक, वर्ष 2021 के 3, वर्ष 2022 के 5, वर्ष 2023 के 6 तथा वर्ष 2024 के 2 प्रकरण अभियोजन स्वीकृति काे लंबित है। अभियोजन स्वीकृति के प्रकरण विभिन्न कारणों से लंबित हैं। राज्य सरकार द्वारा नियमानुसार परीक्षण उपरांत निर्णय कर प्रकरणों में स्वीकृति के प्रयास किये जाएंगे ताकि प्रकरणों का पूर्ण निस्तारण किया जा सके।
(Udaipur Kiran) / संदीप / पवन कुमार श्रीवास्तव