Uttar Pradesh

पूर्व विधायक उदयभान करवरिया जेल से रिहा

उदयभान करवरिया

प्रयागराज, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । जवाहर पंडित हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को वृहस्पतिवार की सुबह जेल से रिहा कर दिया गया। राज्यपाल ने यह आदेश जिला प्रशासन की उस संस्तुति पर जारी किया था जिसमें जेल में करवरिया का आचरण अच्छा बताया गया था। इसके आधार पर उन्हें राहत देते हुए समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया गया। रिहाई के समय उनसे मिलने वालों की भीड़ उपस्थित रही।

जवाहर यादव उर्फ पंडित हत्याकांड में उदयभान करवरिया समेत उनके भाई कपिल मुनि करवरिया और सूरजभान करवरिया भी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। वृहस्पतिवार को सुबह जेल के गेट पर उनके परिजन रिहाई के लिए पहुंच गए थे, कागजी कार्रवाई पूरा होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि, जवाहर यादव उर्फ पंडित की हत्या 13 अगस्त 1996 को शहर के सिविल लाइंस इलाके में कर दी गई थी। जवाहर के भाई सुलाकी यादव ने करवरिया बंधुओं पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। घटना की जांच सिविल लाइंस पुलिस और उसके बाद सीबीसीआईडी की इलाहाबाद, लखनऊ और वाराणसी शाखा से कराई गई थी। सीबीसीआईडी के आरोपपत्र दाखिल करने के बाद हाईकोर्ट के स्थगनादेश के चलते मुकदमे की कार्रवाई पर काफी समय तक रोक लगी रही। 2015 में हाईकोर्ट का स्थगन आदेश समाप्त होने के बाद इस मुकदमे में सुनवाई हुई। उसी समय करवरिया बंधुओं को सरेंडर कर जेल जाना पड़ा था। लगभग चार वर्ष चली नियमित सुनवाई के बाद अदालत ने गत दिनों अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसमें 31 अक्टूबर को दोष तय किया गया और 4 नवम्बर को दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को आजीवन कारावास की सजा मिलने के बावजूद अप्रैल 2022 से पैरोल पर छोड़े जाने के खिलाफ जवाहर यादव के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उम्रकैद की सजा पाए भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की पैरोल (अंतरिम जमानत) 12 मई को खत्म हुई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए 12 मई को नैनी सेंट्रल जेल में रिपोर्ट करने का आदेश दिया था।

-विजमा यादव ने कहा, रिहाई के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे

भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया के आचरण को देखते हुए उनकी समय पूर्व रिहाई को प्रतापपुर से सपा विधायक विजमा यादव ने अनुचित बताया है। सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पति विधायक जवाहर यादव की हत्या की गई थी। उदयभान उसमें आरोपी हैं। इनका परिवार कई पीढ़ी से अपराध में लिप्त है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2018 में भी उदयभान की सजा वापस ली थी, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। यह मामला अभी हाईकोर्ट में लम्बित है। इसके बावजूद सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया है। इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र / Siyaram Pandey

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