-इविवि से याचिका पर एक हफ्ते में कोर्ट ने मांगा जवाब
प्रयागराज, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रयागराज से सम्बद्ध इलाहाबाद डिग्री कालेज में 28 नवम्बर 2022 के विज्ञापन के तहत सहायक प्रोफेसर कॉमर्स की चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है और विश्वविद्यालय से एक हफ्ते में याचिका का जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने हिमांशु कुमार पाण्डेय की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में सहायक प्रोफेसर पद पद नियुक्ति व साक्षात्कार के लिए की गई शार्ट लिस्टिंग की प्रक्रिया की वैधता को चुनौती दी गई है।
याची का कहना है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के रेग्यूलेशन 2018 के तहत सहायक प्रोफेसर भर्ती के मानक निर्धारित है, जिसके अनुसार मास्टर डिग्री या समकक्ष डिग्री में 55 फीसदी अंक की अर्हता रखी गई है। याची का कहना है कि वह बी-कॉम के साथ एमबीए भी है जो मास्टर डिग्री के समकक्ष मान्य है। बीएचयू में जारी विज्ञापन का हवाला भी दिया गया। कहा गया कि शॉर्टलिस्ट में कुछ अभ्यर्थियों को सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग सूची में भी रखा गया है, जो सही नहीं है।
विश्वविद्यालय की तरफ से कहा गया कि यदि याची की बात मान भी ली जाये तो उसे 80 फीसदी अंक मिलेंगे और सामान्य श्रेणी का कट आफ 81 फीसदी अंक हैं। जिससे वह साक्षात्कार में बुलाया नहीं जा सकता।
याची ने कहा कि एक ही अभ्यर्थी को सामान्य व आरक्षित वर्ग सूची में रखना सही नहीं है। इससे कट ऑफ में फर्क आ सकता है और याची के कट आफ के भीतर आने की सम्भावना है। एक केस में विश्वविद्यालय ने साक्षात्कार में शामिल कराया है किन्तु परिणाम पर रोक लगा रखी है। इसलिए याची को भी साक्षात्कार में शामिल होने दिया जाये या जब तक शार्टलिस्ट की वैधता तय नहीं हो जाती तब तक चयन प्रक्रिया रोकी जाये। कोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 05 अगस्त तय करते हुए एडीसी में सहायक प्रोफेसर कामर्स की चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
(Udaipur Kiran) /आर.एन.
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / आकाश कुमार राय