उज्जैन, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने एक स्कीम के तहत प्रदेशभर के शासकीय अस्पतालों के लिए सोनोग्राफी प्रशिक्षण दिया था। बाद में इनसे उपचार के अतिरिक्त समय में सोनोग्राफी करवाई जा रही है। पेंच यह है कि जबलपुर विवि ने परीक्षा नहीं ली। ऐसे में ये कानूनी रूप से सोनोग्राफी करने के पात्र नहीं है? हालांकि रोजाना प्रदेशभर में ऐसे प्रशिक्षण प्राप्त डॉक्टर्स रोजाना मरीजों की सोनोग्राफी करके रिपोर्ट बना रहे हैं।
शासन की इस स्कीम के तहत जिला अस्पताल,उज्जैन के चार चिकित्सक सोनोग्राफी करने की ट्रेनिंग लेने शासन द्वारा अधिकृत सेंटर्स पर गए। इन चारों में वर्तमान में दो ही उज्जैन में उपलब्ध हैं। एक डॉ.जितेंद्र शर्मा और दूसरे डॉ.विक्रम रघुवंशी। तीसरे डॉ.जाट बडऩगर स्थानांतरित हो गए। वहीं एक महिला डॉक्टर नौकरी छोड़कर चलल गई। ये चारों करीब एक माह तक प्रशिक्षण लेकर उस समय लौट आए। इसके बाद इनकी ड्यूटी मरीजों की ओपीडी के अलावा सोनोग्राफी मशीन पर लगा दी गई।
िजला अस्पताल में दो मशीनें है। वर्तमान में दो डॉक्टर डॉ.जितेंद्र शर्मा और डॉ.विक्रम रघुवंशी एक मशीन पर सोनोग्राफी कर रहे हैं। वहीं दूसरी मशीन पर डॉ.अनिल भार्गव जोकि सोनोग्राफी स्पेशलिस्ट हैं, गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी कर रहे है। डॉ.शर्मा एवं डॉ.रघुवंशी अन्य रोगों की सोनोग्राफ कर देते हैं। जब डॉ.भार्गव नहीं रहते हैं तो ये गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी भी करते हैं।
भोपाल से आए एक पत्र से उपजा हुआ है संकट….
सिविज सर्जन डॉ.पी.एन.वर्मा के अनुसार भोपाल से एक पत्र आया था। उसमें उल्लेख था कि शासन स्तर पर जिन्हे सोनोग्राफी का प्रशिक्षण दिया गया था। उनमें से बहुत से ऐसे हैं,जिनकी परीक्षा नहीं हुई। ऐसे में वे उत्तीण घोषित नहीं हुए हैं। इस स्थिति में उनसे सोनोग्राफी न करवाई जाए। आवश्यक हो तो 500 रू. प्रति सोनोग्राफी की दर पर बाहर से करवाई जाए। इस आदेश के चलते दो तरफा स्थिति निर्मित हो रही है। एक ओर डॉ.शर्मा ओर डॉ.रघुवंशी यदि सोनोग्राफी नहीं करते हैं तो जिला अस्पताल में हाहाकार मच जाएगा। ये करते हैं लेकिन कानूनन मान्य नहीं है। ऐसे में कोई घटना हो गई,तो ये बगैर कारण के नप जाएंगे…?
इस संबंध में डॉ.रघुवंशी एवं डॉ.शर्मा से चर्चा की तो उन्होने बताया कि जबलपुर विवि को उनकी परीक्षा लेना है। अभी तक परीक्षा नहीं हुई है, चूंकि शासन स्तर पर प्रशिक्षण लेकर आए थे,इसलिए उक्त आदेश को लेकर हमने स्वास्थ्य संचालनालय,भोपाल चर्चा की थी। वहां से कहा गया कि आपने प्रशिक्षण लिया है,ऐसे में जिला अस्पताल में सोनोग्राफी करते रहो,बाहर निजी प्रेक्टिस मत करना। हालांकि हम बाहर यह काम नहीं कर रहे हैं। हम केवल जिला अस्पताल में ही कर रहे हैं। यदि सिविल सर्जन आदेश देंगे,तो बंद कर देंगे।
(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल / राजू विश्वकर्मा