CRIME

सम्पत्ति हड़पने को जीवित पिता को बताया मृत

अपने जीवित होने का प्रमाण देता पिता

झांसी, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । यह कलयुग है इसमें कुछ भी संभव है। ऐसा ही कलयुगी पुत्र का एक कारनामा सामने आया है। कलयुगी बेटे ने पैतृक जमीन हड़पने के लिए अपनी मां के साथ मिलकर पिता के मृत होने का शपथ पत्र वर्ष 2020 में झांसी तहसील में दे दिया था। लेकिन वहीं पिता मंगलवार को अधिकारियों के पास पहुंच कर अपने जीवित होने का दावा करते हुए पूरी सच्चाई बयां की।

जनपद के ग्राम पालर में विनोद कुमार कोतू रहते हैं। उनके बड़े भाई प्रमोद कोतू झांसी में अपने परिवार के साथ निवास करते हैं। पिता पंडित रामशरण लाल कोतू का निधन हो चुका है। दोनों भाई पैतृक जमीन के स्वामी हैं। विनोद की पत्नी वंदना और उनका बेटा संदीप सालों पहले पिता को छोड़कर चले गए और अब पैतृक जमीन पर मां बेटे ने अपना दावा ठोक दिया। जिसका मामला झांसी तहसील में नायाब तहसीलदार न्यायालय में चल रहा है। विगत 19 जुलाई को उक्त प्रकरण में तारीख थी, जिस पर विनोद अपने बड़े भाई प्रमोद साथ पहुंचे। वहीं दूसरे पक्ष से वंदना उनका बेटा संदीप और दतिया का एक निष्कासित पुलिसकर्मी उनके साथ पहुंचा। तारीख के बाद बाहर निकलते ही दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया।

विनोद के अनुसार उनकी पत्नी वंदना और बेटे ने निष्कासित पुलिसकर्मी के साथ मिलकर उन्हें पीटना शुरू कर दिया, तभी अचानक उनके बड़े भाई प्रमोद का पुत्र सुधीर वहां पहुंच गया। संदीप और उसकी मां वंदना तथा निष्कासित पुलिसकर्मी ने मिलकर उस पर भी हमला कर दिया। जिसमें उसके हाथ में गहरी चोट आई। मेडिकल रिपोर्ट के बाद उसके हाथ में डॉक्टर ने फैक्चर बताया। झगड़े का मामला थाना नवाबाद पुलिस तक पहुंचा और फिर दोनों पक्षों का मामूली धाराओं में चालान कर छोड़ दिया गया। वही पीड़ित सुधीर का कहना है कि उनके हाथ में फ्रैक्चर है। उसका मेडिकल प्रमाण पत्र उनके के पास है। उन्होंने पुलिस को तहरीर दी जिसके आधार पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। परंतु विपक्षियों की तहरीर पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई।

उक्त प्रकरण में विनोद कोतू का कहना है कि उनकी पत्नी और बेटा वर्षों पहले उन्हें छोड़कर चले गए थे। दतिया का रहने वाला सेवानिवृत्ति एक पुलिस कर्मी जमीन हड़पने के लालच में उनकी पत्नी और बेटे को अपने साथ रखे हुए हैं। जमीन हड़पने के लालच में मां बेटे ने मिलकर उनकी मृत्यु होने का शपथ पत्र भी दिया था, परंतु उन्होंने अधिकारियों के समक्ष पहुंचकर अपने जीवित होने का सबूत दिया। जिस पर अधिकारियों ने उनके बेटे को फटकार लगाते हुए पिता की जीवित होने की बात कही तो उसने कहा कि भूलवश स्वर्गीय लिख गया। विनोद का कहना है कि पुलिसकर्मी पत्नी और बेटा तीनों मिलकर उनकी संपत्ति हड़पना चाहते हैं। उन्होंने शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।

(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा

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