कानपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । शहर में सीवेज का रखरखाव करने वाली कंपनी कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्रा.लि. पर एक बार फिर साबित हो गया है कि गंगा में गंदगी पहुंच रही है। इस पर जल निगम ने कंपनी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई जाजमऊ के प्लांट से गंगा में और बिनगवां प्लांट से पांडु नदी में गंदगी गिराने पर हुई है।
एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती के बावजूद शहर में सीवेज का रखरखाव करने वाली कंपनी कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्रा. लि. कुछ न कुछ खामियां छोड़ ही दे रही है। हालांकि पहले की अपेक्षा गंगा में सीवेज गिरने की मात्रा बहुत कम हो गई है। समय समय पर जल निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम जांच करती रहती है और खामियां पाए जाने पर अब तक 2021 से कंपनी पर 7.70 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। इसमें से 6.70 करोड़ रुपये की कटौती भी हो चुकी है। 2.62 करोड़ की आरसी भी जारी हुई है जिसके खिलाफ कंपनी ने हाईकोर्ट में अपील की है। लेकिन गंगा में प्रदूषित पानी गिरने में कोई कमी नहीं आई है। जून माह में सीसामऊ नाले की गंदगी से नौ दिन तक गिरी थी। इस मामले में भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी पर जुर्माना लगाया था। एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। इसकी रिपोर्ट यहां से स्टेशन मिशन फॉर क्लीन गंगा को भेज दी गई है। अब एक बार फिर जल निगम की टीम ने गंगा में सीवेज गिरता पाया।
जल निगम परियोजना प्रबंधक मोहित चक ने मंगलवार को बताया कि टीम ने जाजमऊ और बिनगवां प्लांट से गंगा और पांडु में गंदगी गिरता हुआ पाया। इस पर संबंधित कंपनी कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्रा. लि. पर एक करोड़ का फिर जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही सीवेज गिरना बंद होने तक प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना अलग से वसूला जाएगा।
(Udaipur Kiran) / अजय सिंह / मोहित वर्मा