जयपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय बजट में राजस्थान के लिए जोधपुर, पाली और मारवाड़ इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। राजस्थान को केंद्र के टैक्स में हिस्सेदारी से सात हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटने से जयपुर के जेम्स एंड ज्वेलरी कारोबार को फायदा होगा। दलहन और तिलहन के लिए नए मिशन की घोषणा से राजस्थान को फायदा होगा क्योंकि राजस्थान दाल का बड़ा उत्पादक है।
पांच साल में 20 लाख युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देने की योजना शुरू करने की घोषणा भी की है। इससे प्रदेश के युवाओं को भी फायदा मिलेगा।
जोधपुर, पाली और मारवाड़ इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट 1578 एकड़ जमीन में विकसित किया जाएगा। इस पर 922 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके लिए 1000 एकड़ जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना भी जारी कर दी है। प्रोजेक्ट के लिए राजस्थान सरकार पिछले छह महीने से केंद्र सरकार को लगातार पत्र लिख रही थी। जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (जेपीएमआईए) को दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) के पास विकसित किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट जोधपुर और पाली शहर से बराबर दूरी 30 किलोमीटर पर डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर लाइन पर मारवाड़ जंक्शन से 60 किलोमीटर दूर है। सीएम भजनलाल शर्मा ने भी जेपीआईएमए को लेकर केंद्रीय मंत्रियों को पत्र लिखे थे। राज्य सरकार ने अपने बजट में इस प्रोजेक्ट के वाटर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 275 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
केंद्र से राजस्थान को इस बार टैक्स की हिस्सेदारी के रूप में 73,504 करोड़ रुपए मिलेंगे। सीतारमण की ओर से पेश बजट में स्टेट वाइज डिस्ट्रीब्यूशन में यह जानकारी दी गई है। पिछले वित्त वर्ष में केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में राजस्थान को 66,556 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। इस साल इस राशि में करीब 7 हजार करोड़ रुपए का इजाफा किया गया है। केंद्रीय करों में राजस्थान की हिस्सेदारी 6.026 प्रतिशत है। जयपुर को जेम्स एंड ज्वेलरी की मंडी भी कहा जाता है। सूरत के बाद जयपुर जेम्स एंड ज्वेलरी का बड़ा बाजार है। बजट में सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी 15 से घटाकर 6 प्रतिशत की गई है। इसका सीधा फायदा जयपुर की जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री को होगा।
जयपुर में हर साल करीब पांच हजार करोड़ का सोना-चांदी इंपोर्ट होता है। जयपुर के सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने बताया कि सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी कम होने से आम उपभोक्ताओं को इसका सीधा फायदा मिलेगा। पहले जीएसटी सहित कस्टम ड्यूटी 15 प्रतिशत लगती थी। अब छह प्रतिशत कस्टम ड्यूटी होने के बाद जीएसटी सहित 10.50 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगेगी। इससे उपभोक्ता को करीब साढ़े चार प्रतिशत सोना-चांदी सस्ता मिलेगा।
उन्होंने बताया कि देश में सोना और चांदी इंपोर्ट होता हैं। अगर ज्वेलर को ड्यूटी कम देनी पड़ेगी तो इसका फायदा उपभोक्ता को ही मिलेगा। जयपुर में करीब 10 हजार और राजस्थान में 4 लाख ज्वेलर्स को इससे फायदा होगा। आज बजट के बाद ही सोने के भाव में करीब 1950 रुपए प्रति तोला की कमी आई है। वही चांदी के दाम भी 1800 रुपए प्रति किलो कम हो गए हैं।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि राजस्थान का देश में दलहन में दूसरा और तिलहन में तीसरा-चौथा स्थान है। हर साल 80 लाख दलहन का उत्पादन करता है। वहीं 82 लाख टन तिलहन का उत्पादन करता है। 60 लाख टन सरसों की पैदावार हर साल होती है। राजस्थान सरसों उत्पादन में देश में नंबर-एक पर है। ऐसे में इस घोषणा का फायदा प्रदेश के किसानों को सबसे ज्यादा होगा। किसान की उत्पादकता बढ़ेगी तो उसकी आय में भी वृद्धि होगी।
सीएम भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट को मुख्यमंत्री कार्यालय में सुना। भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की राह पर ले जाने वाला लोक कल्याणकारी, विकासोन्मुख, सर्वसमावेशी बजट है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने केंद्रीय बजट को सरकार को बचाने और जनता को बहलाने वाला बताया है। जूली ने कहा कि बजट का एकमात्र विजन सरकार को बचाना है। बजट में 41 हजार करोड़ सरकार के सहयोगी प्रदेशों को दिए गए हैं, जो कि अन्य राज्यों के हितों पर कुठाराघात है। केंद्र ने अपनी सरकार को बचाने वाले बिहार को 26 हजार और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ रुपए दिए हैं। डबल इंजन सरकार की दुहाई देने वाले राजस्थान को बजट में सिर्फ आश्वासन मिला है।
(Udaipur Kiran) / रोहित