जोधपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । पिछले दिनों दुर्घटना में गंभीर घायल 65 वर्षीय महिला के पैर में गंभीर फ्रैक्चर हो गया था। जीत मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की ओर से उसे फिर से खड़ा कर उसकी सामान्य जिंदगी का मार्ग प्रशस्त किया गया।
हॉस्पिटल के वरिष्ठ आर्थोपैडिक सर्जन डॉ. रजनीश गर्ग ने बताया कि बाड़मेर निवासी 65 वर्षीय खेतु देवी के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उन्हें यहां लाया गया। मरीज के हाथ और पैर दोनों में फैक्चर हो रखा था। डॉ. गर्ग ने बताया कि हाथ में तो सामान्य फैक्चर ही था लेकिन पैर की स्थिति बहुत गंभीर थी। चोट वाले स्थान से पूरी चमड़ी और मांस हट गया था तथा हड्डी दिख रही थी। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में पैर में प्लेट डालनी थी। स्क्रू की सहायता लेने से ठीक होना तो दूर घाव के पकने और पस पडऩे का खतरा बहुत अधिक होता है और मरीज ऑस्टियोमाइलाइटिस की चपेट में आ सकता है, जिससे पैर तक काटना पड़ सकता है। इसलिए इस परिस्थिति में अत्याधुनिक इलिजारोव तकनीक के इस्तेमाल का निर्णय लिया गया। इस तकनीक में मरीज के घाव सहित पूरे पैर में एक विशेष प्रकार का जाला लगाया जाता है जिससे मरीज के घाव का निरीक्षण, उसकी ड्रेसिंग के साथ उसकी प्रोग्रेस को समय समय पर जांचा जाता है तथा इस विशेष प्रोसिजर से मरीज की रिकवरी बहुत तेजी से होती है एवं मरीज कुछ दिनों बाद ही चलने-फिरने की स्थिति में आ जाता है। इस केस में भी मरीज की पूर्ण रिकवरी तथा स्वस्थ्य होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। हॉस्पिटल की अधीक्षक डॉ रंजना माथुर ने इस सफलता पर टीम को बधाई दी।
(Udaipur Kiran) / सतीश