कानपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारत कृषि प्रधान देश है और कृषि का जीडीपी में अहम योगदान है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने जो बजट पेश किया है उसमें कृषकाें की तरक्की के लिए कई योजनाएं हैं। ऐसे में जहां कृषि के क्षेत्र में जहां शोध कार्य बढ़ेंगे तो वहीं किसानों को भी योजनाओं के जरिये लाभ मिल सकेगा। यह बातें मंगलवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस. एन. सुनील पाण्डेय ने कही।
उन्होंने कहा कि इस बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस फंड से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से किसानों के लिए कई योजनाएं निकली हैं। खेती की उत्पादकता बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे। ज्यादा पैदावार वाली फसल किस्मों का इस्तेमाल होगा। शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। प्राकृतिक खेती पर सरकार का जोर रहेगा। फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणन की व्यवस्था की जाएगी। शिक्षा और स्किलिंग के लिए 1.48 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सब्जी उत्पादन और आपूर्ति शृंखला के लिए क्लस्टर बनाए जाएंगे। झींगा उत्पादन और रिसर्च पर काम होगा। दालों और तिलहन के लिए मिशन मोड पर काम होगा। 400 जिलों में फसलों का सर्वे किया जाएगा। 32 फसलों की 109 नई किस्में आएंगी। बुनियादी ढांचे और विनिर्माण क्षेत्र पर बजट में फोकस रहेगा।
(Udaipur Kiran) / अजय सिंह / Siyaram Pandey