Chhattisgarh

नहर की जमीन पर कॉलोनाइजरों का कब्जा, हाईकोर्ट में सुनवाई 24 जुलाई को

high cort bilaspur

बिलासपुर/रायपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजधानी रायपुर में नहर की जमीन पर कॉलोनाइजरों के कब्जा करने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नगर निगम से जवाब मांगा है। डिवीजन बेंच ने निगम के वकील से पूछा है कि, कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद भी अवैध कब्जा क्यों नहीं हटाया गया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी।

दरअसल, छत्तीसगढ़ अधिकार आंदोलन समिति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि अमलीडीह में स्थित नहर की जमीन को साल 2006 में रायपुर नगर निगम को सौंप दी गई थी। तब इस नहर की चौड़ाई 40 फीट थी। नहर के करीब 35 फीट पर कुछ बिल्डरों ने कब्जा कर दीवार बना लिया था। नहर में पानी निकासी के लिए केवल 5 फीट जगह बच गई। इसके साथ ही अमलीडीह में ही एक नाले के करीब 17 हजार वर्ग फीट हिस्से को पाटकर बिल्डरों ने निर्माण कर लिया। वहीं, नहर की ही जमीन पर निजी लोगों ने भी मकान बना लिया। सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के खिलाफ छत्तीसगढ़ अधिकार आन्दोलन समिति ने कलेक्टर और नगर निगम से शिकायत की, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। तब समिति ने एडवोकेट बदरुद्दीन खान के माध्यम से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की।

इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य शासन सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस मामले की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि, कलेक्टर ने स्वयं इस बारे में रिपोर्ट दी थी कि अवैधानिक अतिक्रमण हुआ है इसे हटाया जाए। इस पर कोर्ट ने नगर निगम के वकील से यह जवाब मांगा है कि कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद भी बेजा कब्जा क्यों नहीं हटाया गया।

(Udaipur Kiran) / गायत्री प्रसाद धीवर / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल

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