जयपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । भाई-बहन के बीच रक्षा सूत्र का त्याेहार रक्षाबंधन सावन माह के अगस्त महीने की पूर्णिमा तिथि को हर्षोल्लास के साथ न्नीस अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेगी और रक्षा का वचन लेगी। रक्षा सूत्र बंधवाने के बाद भाई भी प्रेम के रुप में उपहार देंगे और सदा उनकी रक्षा करने का वचन देंगे। इस बार सावन महीने की पूर्णिमा को भद्रा का साया रहेगा। भद्रा रहने के कारण राखी बांधने के सही समय का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।
सावन माह की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त की प्रातः तीन बजकर 4 मिनट से शुरु होकर उसी दिन रात 11 बजकर 55 मिनट तक है। जबकि सुबह 5 बजकर 53 मिनट पर भद्रा काल शुरू होगा और दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। हालांकि इस भद्रा का वास पाताल लोक में होगा और कई विद्वानों का मत है कि भद्रा का वास पाताल या फिर स्वर्ग लोक हो तो पृथ्वी पर रहने वाले के लिए अशुभ नहीं होती है। कई शुभ कार्यों में भद्रा के पाताल में वास करने को भी नजरअंदाज नहीं किया जाता है।
पंडित बनवारी लाल शर्मा के अनुसार रक्षाबंधन वाले दिन शाम को पंचक भी लग रहा है। 19 अगस्त को शाम 7 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 5 बजकर 53 मिनट तक पंचक है। 19 अगस्त (सोमवार) को लगने के कारण यह राज पंचक होगा और इसे अशुभ नहीं माना जाता है।
रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 8 मिनट तक है। रक्षाबंधन के त्याेहार के दिन बहनों को अपने भाई को राखी बांधने के लिए 7 घंटे 38 मिनट तक का समय मिलेगा।
(Udaipur Kiran) सैनी / संदीप