जबलपुर, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । एक वर्ष पूर्व हुए वेदिका हत्याकांड के आरोपित कथित भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा को हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है । हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह कहा है कि हत्या किस कारण से हुई यह गैर इरादतन थी या प्रियांश ने जानबूझकर वेदिका गोली मारी इसका निर्णय ट्रायल कोर्ट करेगी। जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ में हुई जमानत याचिका की सुनवाई में आरोपिती प्रियांश की ओर से अधिवक्ता अनिल खरे एवं वेदिका की ओर से आपत्तिकर्ता सिद्धार्थ दत्त एवं सरकारी अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया की यह गैर इरादतन थी या प्रियांश ने जानबूझकर वेदिका गोली मारी इसका निर्णय ट्रायल कोर्ट करेगी। इस मामले में 18 गवाहों के बयान हो चुके हैं एवं आरोपी लंबे समय से जेल में बंद है इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए । इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी प्रियांश विश्वकर्मा को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। इस मामले में आपत्तिकर्ता सिद्धार्थ दत्त ने इस जमानत का विरोध किया उन्होंने कहा कि आरोपी एक प्रभावशाली परिवार से संबंध रखता है इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया तो वह साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि 16 जून 2023 को एमबीए की छात्रा वेदिका को प्रियांश विश्वकर्मा जो कि लीला ग्रुप आफ बिल्डर एवं डेवलपर्स का संचालक है के ऑफिस में बैठी हुई थी तभी प्रियांश ने सामने रखी पिस्टल उठाई एवं उसमे कुछ छेड़छाड़ करने लगा इसी बीच पिस्टल का ट्रेगर दब गया जिससे गोली वेदिका के पेट को चीरती हुई कमर में फंस गई। गोली लगते ही उसे गढ़ा के निजी अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे एक अन्य अस्पताल ले जाया गया जहां 11 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच झूलने के बाद वेदिका की मौत हो गई थी। इस घटनाक्रम में भाजपा ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया था कि प्रियांश उसका कार्यकर्ता नहीं है। एक अन्य बात और सामने आई थी जिसमें वेदिका के भाई अविनाश सिंह ने यह आरोप लगाया था की अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना तुरंत नहीं दी थी जब परिजन अस्पताल पहुंचे उसके बाद अस्पताल वालों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस के आने के पहले ही प्रियांशु वहां से भाग निकला पुलिस ने उसे बाद में गिरफ्तार किया था।
(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक / राजू विश्वकर्मा