RAJASTHAN

निजीकरण के विराेध में जलदाय विभाग के कर्मचारियों का प्रदर्शन

जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया

बीकानेर, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । निजीकरण को आग लगा दो…आग लगा दो…सरकार अपना निर्णय वापस ले…। सरीखे नारों के साथ आज जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। सरकार की इस मंशा को देखते हुए प्रदेशभर में जलदाय विभाग के कर्मचारियों में रोष है। प्रदेशभर में विरोध की लहर फैल रही है। कर्मचारी इस निजीकरण को अनुचित बता रहे हैं। सोमवार को इसको लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रोष जताया गया।

बीकानेर में यहां हुआ प्रदर्शन

राज्य सरकार की मंशा के खिलाफ राजस्थान पीएचईडी तकनीकी कर्मचारी संघ के तहत आज विरोध प्रदर्शन किया गया। संगठन की बीकानेर शाखा की ओर से चौतीना कुआं, नया शहर टंकी पर रोष जाहिर किया गया। कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदेश महामंत्री जयगोपाल जोशी, जिला अध्यक्ष अखेचंद मारु के नेतृत्व में संगठन के प्रदेशाध्यक्ष संतोष विजय और संयुक्त संघर्ष समिति जयपुर के आह्वान पर बीकानेर जिले के जलदाय विभाग के सभी कार्यालयों पर पूरजोर ढ़ग से विरोध जताया गया।

प्रदेश महामंत्री जयगोपाल जोशी ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने इस काले कानून, निजीकरण का प्रस्ताव वापिस नहीं लिया तो संगठन आगामी आदेशों अनुसार आंदोलन की रुपरेखा तैयार कर निरंतर रूप से विरोध करेंगे। जिला अध्यक्ष अखेचंद मारु ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में उपखंड कार्यालय तृतीय और सप्तम के सभी अधिकारियों ने भाग लिया।

यहां भी हुआ विरोध

निजीकरण के खिलाफ प्रदेशभर में आज जलदाय विभाग के अलग-अलग संगठनों ने रोष जताया। राजधानी के साथ ब्यावर में जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने अपने संगठन के बैनर तले आज विरोध प्रदर्शन निजीकरण आदेश को वापिस लेने की मांग उठाई। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

क्या सरकार की मंशा…

सरकार की मंशा है कि प्रदेश में जलदाय विभाग को भी निजी हाथों में दिया जाए। प्रदेश में तीन जिलों में बिजली भी निजी कंपनी के हाथों में है। ऐसे में अब जलदाय विभाग राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सिवरेज कॉरपोरेशन के नाम से जाना जाएगा। पानी के बिल और अन्य आदेश भी अब राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सिवरेज कॉरपोरेशन के नाम से आने लगेंगे। इस कॉरपोरेशन का गठन 1979 एक्ट के तहत किया जा रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन भी हो सकता है।

(Udaipur Kiran) / डॉ राजीव जोशी

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