अमेठी, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । आज से सावन का पावन माह शुरू हो रहा है। वैसे तो पूरे सावन मास का सनातन धर्म में बहुत ही महत्व है। पूरे महीने भगवान शिव की पूजा-अर्चना, स्तुति और जलाभिषेक किया जाता है। उसमें भी विशेष रूप से सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार का अपना खास महत्व है। इस बार सावन माह का प्रारंभ सोमवार से ही हो रहा है। इसलिए इस बार सावन माह में पांच सोमवार पड़ेंगे। ऐसा सुखद संयोग लगभग 70 वर्षों के बाद देखने को मिल रहा है, जिसमें पहला सोमवार 22 जुलाई को तो अंतिम सोमवार 19 अगस्त को पड़ेगा।
सावन के पहले सोमवार के दिन सुबह से ही अमेठी जनपद के विभिन्न प्राचीन शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। चाहे वह गोमती नदी के किनारे स्थित बाबा डंडेश्वर धाम हो या फिर बाबा झारखंडेश्वर, बाबा तपेश्वर नाथ, बाबा बिल्वेश्वर नाथ, दुख हरण धाम एवं मुकुट नाथ धाम सहित सभी छोटे बड़े शिवालयों पर सुबह से ही भक्त पहुंचकर भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करते हुए पूजा अर्चना कर खुश करने में लगे हुए हैं।
कहते हैं कि बाबा भोलेनाथ बहुत ही जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान की श्रेणी में आते हैं। विशेष रूप से महिलाएं आज के दिन व्रत उपवास रखकर पूजा करते हुए भगवान महाकाल को प्रसन्न करने का प्रयास करती हैं। भगवान शंकर के पूजन में जलाभिषेक के साथ-साथ बेलपत्र शमी पत्र पुष्प इत्यादि अर्पित करते हुए भस्म लगाई जाती है। कहते हैं की जो भी भक्त सावन महीने में सोमवार का व्रत रखता है भगवान शंकर उसकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। यही नहीं इस महीने में लाखों श्रद्धालु तमाम ज्योतिर्लिंगों के दर्शन हेतु हरिद्वार काशी उज्जैन नासिक पहुंचते हैं।
यही नहीं इस महीने में शिव भक्तों के द्वारा कावड़ यात्रा निकाली जाती है और लाखों शिव भक्त कांवड़ लेकर विभिन्न तीर्थ स्थलों पर पैदल ही पहुंचते हैं। सावन के महीने में तीन प्रकार के व्रत रखे जाते हैं जिनमें सावन के सोमवार का व्रत 16 सोमवार व्रत और प्रदोष व्रत प्रमुख रूप से हैं।
(Udaipur Kiran) / LOKESH Kumar / मोहित वर्मा