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विश्व धरोहर समिति का उद्घाटन, संस्कृति मंत्री ने प्रधानमंत्री के पंच प्रण का संकल्प दोहराया

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नई दिल्ली, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । विश्व धरोहर समिति की बैठक का 46वें सत्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया।रविवार को भारत मंडपम में आयोजित समिति की बैठक में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए केन्द्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रधानमंत्री के पंच प्रण के संकल्प को दोहराया। अतिथि देवो भवः के भाव से स्वागत करते हुए गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को विश्व में पहचान देने और तीसरी बार सरकार बनने के बाद इस बड़े आयोजन को भारत की तरफ लाने में सफलता हासिल की है।अतिथियों को भारत के उन्नति और सांस्कृतिक धरोहरों के दर्शन होंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण में विशिष्ट स्थान रखता है। विभिन्नता में एकता के मंत्र को दर्शाता है। भारत के विभिन्न संस्कृतियों का समायोजन विश्व में और भी अनूठा बनाता है।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संकल्पना की है, उसे पंच प्रण की संज्ञा दी है। इसमें विरासत पर गर्व करने को भी समायोजित किया है। प्रधानमंत्री की इसी सोच को जनआंदोलन बनाने के लिए प्रेरित किया है। यूनेस्को के इस मंच में दुनिया भर के सम्मानित विशेषज्ञों के वैश्विक भाव से नए विश्व धरोहरों को चिन्हित करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अनेक-अनेक सदियों की कालजेयी यात्रा है। वैदिक मंत्रोच्चरण को अमूर्त धरोहर की तरह चिन्हित किया गया है। भारत सहित विश्व के लिए विरासत भी विकास भी हमारा पथ प्रदर्शक है। विश्व के 3000 प्रतिनिधि मानवता के आधार पर विचार करेंगे। उन्होंने अतिथियों को भारत दर्शन का भी आग्रह किया।

उल्लेखनीय है कि भारत पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है। यह 21 से 31 जुलाई 2024 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में होगा। विश्व धरोहर समिति की सालाना बैठक होती है और यह विश्व धरोहर से जुड़े सभी मामलों के प्रबंधन और विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने वाले स्थलों पर निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार है। इस बैठक के दौरान, विश्व धरोहर सूची में नए स्थलों को नामांकित करने, 124 मौजूदा विश्व धरोहर संपत्तियों की संरक्षण स्थिति रिपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय सहायता और विश्व धरोहर निधि के उपयोग आदि के प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। बैठक में 150 से अधिक देशों के 2000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग लेंगे। विश्व धरोहर समिति की बैठक के साथ-साथ, विश्व धरोहर युवा पेशेवर मंच और विश्व धरोहर स्थल प्रबंधक मंच भी किनारे पर आयोजित किए जा रहे हैं।

प्रदर्शनियां हैं खास

इसके अलावा, भारत की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए भारत मंडपम में विभिन्न प्रदर्शनियाँ भी लगाई जा रही हैं। रिटर्न ऑफ ट्रेजर्स प्रदर्शनी में देश में वापस लाई गई कुछ कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है। अब तक 350 से अधिक कलाकृतियाँ वापस लायी जा चुकी हैं। भारत के 3 विश्व धरोहर स्थलों के लिए एक व्यापक अनुभव प्रदान करने के लिए एआर और वीआर प्रौद्योगिकियों का भी उपयोग किया जा रहा है: रानी की वाव, पाटन, गुजरात; कैलासा मंदिर, एलोरा गुफाएं, महाराष्ट्र; और होयसला मंदिर, हलेबिदु, कर्नाटक। सूचना प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में आधुनिक विकास के साथ-साथ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी सभ्यता, भौगोलिक विविधता और पर्यटन स्थलों को उजागर करने के लिए एक ‘अतुल्य भारत’ प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचा

(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी / आकाश कुमार राय

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