गुरु पूर्णिमा के मौके पर अरिहंत फाउंडेशन द्वारा 400 पौधे वितरित
सिरसा, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिस व्यक्ति के जीवन में गुरु नहीं है उसके जीवन का महत्व नहीं है। माता पिता जन्मदाता होते है लेकिन गुरु जीवन के निर्माता होते हैं। यह उदगार श्रमण संघीय सलाहकार दिनेश मुनि जी महाराज ने रविवार को एसएस जैन सभा में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर धर्म सभा में उपस्थित लोगों के समक्ष व्यक्त किए।
उन्होंने फरमाया कि जीवन की शुरुआत गुरु के द्वार से होनी चाहिए इस द्वार से गुजरे बिना कभी किसी को कुछ नहीं मिला। जिन्हें कुछ मिला भी है तो उस उपलब्धि का कोई मूल्य नहीं रहा। वे उपलब्धि थोथी होती है, मूल्य विहीन होती है। व्यक्ति मूल्यवान तो गुरु के आशीर्वाद के बाद होता है क्योंकि गुरु ही मूल्यवान बनाते हैं।
53 वर्शीय दीक्षा प्रयाय दिनेष मुनि जी महाराज ने आगे कहा कि भारत के मनीषियों ने तो गुरु को गोविंद से भी बढ़कर बता दिया है। पैसा मिलने पर बेटा पिता को और पद मिलने पर षिष्य गुरु को बदल लेता है, जो अपना गुरु का नहीं हो सकता वो किसी का नहीं हो सकता। गुरु गोविंद से मिलाने का महामंत्र है। ये वो महामंत्र है जो छोटे से जीवन को महाजीवन बना देता है, महात्मा ही नहीं, परमात्मा भी बना देता है। इसलिए मैं आप से निवेदन करना चाहता हूं कि गुरु नाम का जाप करो तुम्हारे पाप, संताप सब नष्ट हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि गुरु कुम्भकार की तरह है शिष्य कुंभ की तरह। कुम्भकार भी पहले मिटाता है फिर मिट्टी को कलष का रूप देता है उसी प्रकार गुरू भी शिष्य को आकार देकर निपुण बनाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सदगुरु का मिलना जितना कठिन है। उससे भी ज्यादा कठिन समर्पित शिष्य का मिलना है। इसलिए शिष्य मिलना कठिन है, शिष्य बनना कठिन है।
इस अवसर पर डॉ. द्वीपेन्द्र मुनि ने धर्म सभा में कहा कि सम्यक दर्शन, ज्ञान, चरित्र ही मोक्ष का मार्ग है। सम्यक दर्शन अर्थात धर्म को जानना, सम्यक ज्ञान अर्थात धर्म को मानना और सम्यक चरित्र अर्थात जाने माने हुए धर्म मार्ग की ओर बढ़ना।इस अवसर पर जैन सभा के संरक्षक राजकुमार जैन, उप प्रधान नरेश जैन एडवोकेट, मोहन लाल जैन, महामंत्री सोम प्रकाश जैन, कोशाध्यक्ष इन्द्रजीत जैन, सह प्रधान चन्द्र जैन, सलाहकार अनिल जैन एडवोकेट, जगरूप लाल वेद प्रकाश चाचाण, कालू राम मेहता, रविन्द्र जैन, कुलभूषण जैन, प्रेम जैन, अनिल जैन, साहिल जैन, जैन, ललित जैन, कुशल जैन आदिश जैन, बबला, विषु जैन सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / रमेश डाबर / SANJEEV SHARMA