अमेठी, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । रामगंज में चौमासे में बरसात की महत्ता विषयक संगोष्ठी का शुभारंभ में पर्यावरणविद् डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि चौमासे में होने वाली वर्षा को धरती के पेट में डालकर भूगर्भ जल स्तर को ऊपर उठाया जा सकता है। जनपद का भूगर्भ जल स्तर आज से पांच दशक पहले औसत 15-20 फीट रहा, जो घटकर औसत 40 फीट से नीचे जा चुका है। जनपद का भादर ब्लाक डार्क जोन में है, बावजूद इसके त्रिसुंडी में स्थापित कोकाकोला प्लांट के अत्यधिक जलदोहन से धरती का का पेट तेजी के खाली होना चिन्ताजनक है।
मुख्य अतिथि शिवभूषण उपाध्याय ने कहा कि तीव्र गति से हो रहे जलदोहन को न रोका गया तो टंकी को पानी कहां से मिलेगा। कहीं ऐसा न हो अमेठी भी केपटाउन न बन जाए। अध्यक्षता करते हुए डाॅ विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जल संचयन हेतु पौधरोपण से ज्यादा जरूरी उसका रखरखाव है। कैलाश नाथ शर्मा ने कहा कि स्थानीय स्तर पर चौमासे की बरसात का पानी धरती के पेट में न डाला गया तो आने वाला समय बेपानी बनकर रह जायेगा। आभार व्यक्त करते हुए सुरेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि चौमासे में होने वाली वर्षा का 20 प्रतिशत पानी डालकर धरती के खाली पेट को भरा जा सकता है। संगोष्ठी को दिनेश कुमार सिंह एवं जगदम्बा प्रसाद तिवारी ने भी सम्बोधित किया।
(Udaipur Kiran) / LOKESH Kumar / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा