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मार्केटिंग बोर्ड का टेंडर निरस्त मगर घोटालेबाजों पर कब होगी कार्रवाई : जयराम ठाकुर

Jairam Thakur

शिमला, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से कहा है कि सुक्खू सरकार द्वारा मार्केटिंग बोर्ड के डिजिटाइजेशन टेंडर को निरस्त कर दिया गया। जिससे यह साफ होता है कि घोटाला हुआ था लेकिन विपक्ष के द्वारा आवाज उठाने पर सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। टेंडर निरस्त करने का कारण भी सरकार जीएसटी की अतिरिक्त मांग को बता रही है। जबकि टेंडर अवार्ड होने के अगले दिन ही बोर्ड ने फ़ार्म द्वारा अलग से जीएसटी देने की मांग को भी मान लिया गया था।

जय राम ने रविवार को एक बयान में कहा कि वित्तीय अनियमितता और नियमों की अनदेखी करके अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए टेंडर को तो निरस्त होना ही था। लेकिन टेंडर को निरस्त करने की आड़ में सरकार घोटाले में शामिल लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री से यह जानना चाहते हैं कि इस टेंडर में गड़बड़ी करने मैं कौन-कौन लोग शामिल हैं? इस टेंडर में गड़बड़ी करने वालों पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? पूरे प्रकरण में गड़़बड़ करने वाली लोगों को किसका संरक्षण मिल रहा है? भ्रष्टाचार के मामले में सरकार को ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी और घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ़ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी होगी। सिर्फ टेंडर निरस्त करके सरकार घोटालेबाजों को नहीं बचा सकती है।

स्कूली बच्चों के पानी की बोतल घोटाले में किसे फ़ायदा पहुंचाने ख़ातिर बदले नियम

जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार नें स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले पानी की बोतल में भी घोटाला किया है। अपने चहेतों को 90 करोड़ का टेंडर देने के लिए नियमों में भरपूर बदलाव किए गए। जिससे सरकार की चहेती फर्म को टेंडर मिल जाए। सरकार ने टेंडर जारी होने के बाद टेंडर की सारी शर्तें, बोतल की विशिष्टता, आकार और गुणवत्ता मैं भी पर्याप्त फेरबदल किया। जिससे बोतल की गुणवत्ता मानकों पर भी खरी नहीं उतर पाएगी। स्कूली बच्चों को दी जाने वाली पानी की बोतल देने की योजना में भी सरकार ने ग्रहण लगाया। विपक्ष द्वारा सवाल उठाने पर सरकार ने यह परियोजना स्थगित कर दी। ऐसे में सवाल ये है कि पानी की बोतल देने की योजना में टेंडर की शर्तों में बदलाव क्यों और किसके कहने पर हुआ? मुख्यमंत्री को प्रदेश के लोगों को इस घोटाले की सच्चाई प्रदेश के लोगों के सामने रखनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रोजेक्ट को रोकने, टेंडर को निरस्त और स्थगित करने से काम नहीं चलेगा। घोटाले में संलिप्त लोगों के खिलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी करनी होगी।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) शुक्ला / उज्जवल शर्मा

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