जयपुर, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी से जुडे मामले में एसीजेएम क्रम-8, जयपुर मेट्रो प्रथम कोर्ट में शनिवार को एसआईटी ने जवाहर सर्किल पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में 12 आरोपिताें नुरूल इस्लाम, मेंहदी हसन, मोहम्मद अहसनुल कोबीर, मोहम्मद आजाद हुसैन, गौरव सिंह, विनोद सिंह, गिर्राज शर्मा, सुखमय नंदी, सुमन जाना, भानू लववंशी, डॉ. संदीप गुप्ता और डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी के खिलाफ चार्जशीट पेश की। पुलिस ने चार्जशीट में आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 419, 467, 468, 471, 120 बी, मानव अंग प्रत्यारोपण की धारा 18,19, 20 370 (3) के आरोप लगाए हैं।
चार्जशीट में कहा कि आरोपिताें ने फर्जी तरीके से ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराने वाले फर्जी दस्तावेज तैयार किए। उनके खिलाफ आईपीसी व मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम का अपराध प्रमाणित है। वहीं एसआईटी ने फरार आरोपी मुर्तजा अंसारी, आकाश, प्रशांत यादव, सुलेमान खान, राजकमल, मेंहदी हसन, ललित, फोर्टिस अस्पताल की दो डॉक्टर राजेश और ज्योति बंसल, कुशाग्र गोयल, रेनू विज व माला ऐरन व हॉस्पिटल के अन्य डॉक्टर्स व कर्मचारियों के खिलाफ जांच लंबित रखी है। एसआईटी ने कहा कि इन आरोपियों सहित अन्य आरोपियों से साक्ष्य इकट्ठा कर जांच करनी है। इसलिए उनके खिलाफ अनुसंधान लंबित रखा जा रहा है।
आरोपिताें ने चार्जशीट पर की आपत्ति- आरोपिताें की ओर से अधिवक्ता हेमंत नाहटा और अधिवक्ता विपुल शर्मा ने कोर्ट में चार्जशीट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि कानूनी तौर पर ना तो पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज कर सकती है और ना ही चार्जशीट। कोर्ट ऐसी चार्जशीट पर प्रसंज्ञान भी नहीं ले सकता। पुलिस ने जानबूझकर एक परिवाद केस को एफआईआर में बदला है। जिन दस्तावेजों को फर्जी बताया जा रहा है वे सभी दस्तावेज बांग्लादेश में तैयार किए गए थे और वहां की सरकार ने इन्हें प्रमाणित माना था। वहीं समान मामले वे समान आधार पर गुरूग्राम में भी एफआईआर दर्ज हो चुकी है ऐसे में यहां एफआईआर दर्ज करवाना गलत है।
(Udaipur Kiran) / संदीप