सहरसा, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
कोसी कमिश्नरी मुख्यालय सहरसा स्थित ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान डॉ रहमान चौक के संस्थापक पंडित तरुण झा के अनुसार हिन्दू धर्म में प्राचीन काल से गुरु शिष्य की परंपरा चली आ रही है।
सनातन धर्म में गुरु को देवतुल्य दर्जा दिया गया है।साथ ही हिन्दू धर्म में गुरू की पूजा के लिए गुरु पूर्णिमा का दिन सबसे खास माना जाता है। इस वर्ष पूर्णिमा 20-21 जुलाई 2024 को मनाया जाना है। जिसमें गुरु पूर्णिमा रविवार को मनाई जायेगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान दान और गुरु की पूजा करने से जातक के बिगड़े काम बन जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से पूजन किया जाए तो घर में सुख समृद्धि और शांति आती है।
गुरु पूर्णिमा प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के तिथि पर मनाया जाता है।पूज्य संत कबीर दास जी ने भी गुरु को लेकर कहा है कि।गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।जिसका अर्थ है गुरू और गोबिंद,भगवान एक साथ खड़े हों तो किसे प्रणाम करना चाहिए, गुरू को अथवा गोबिन्द को? ऐसी स्थिति में गुरू के श्रीचरणों में शीश झुकाना उत्तम है।जिनकी कृपा रूपी प्रसाद से गोविन्द का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
(Udaipur Kiran) / अजय कुमार / गोविंद चौधरी