-अलग-अलग चुनाव लड़ने की शर्त पर ही गठबन्धन बनने का दावा
काठमांडू, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । नेपाल में दो बड़े राजनीतिक दलों के बीच बने सत्ता गठबन्धन को आगामी चुनाव तक कायम रखने और चुनाव में माओवादी के साथ गठबन्धन नहीं कर अकेले-अकेले चुनाव लड़ने की शर्त पर सहमति हुई है।
माओवादी के साथ गठबन्धन तोड़ कर नेपाली कांग्रेस के साथ जाने से पहले दोनों दलों में लिखित सहमति हुई है। हालांकि यह सहमति अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है लेकिन इन दलों के नेताओं ने लिखित सहमति की कुछ बातों को सार्वजनिक कर दिया है। नेकपा एमाले के उपाध्यक्ष एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल ने कहा है कि इस गठबन्धन को आगामी चुनाव तक ले जाने की सहमति हुई है। लेकिन इसके लिए एक शर्त यह है कि दोनों में से कोई भी दल प्रचण्ड के नेतृत्व में रहे माओवादी पार्टी के साथ गठबन्धन नहीं करेगा।
एमाले उपाध्यक्ष ने कहा कि माओवादी के कारण इस देश में राजनीतिक स्थिरता नहीं आ पाई है। उन्होंने माओवादी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रचण्ड एक अस्थिर चरित्र के नेता हैं और देश में अस्थिरता कायम रखने के लिए अलग-अलग दलों से गठबंधन कर चुनाव लड़ते हैं। संविधान सभा के बाद हुए पहले चुनाव में माओवादी ने एमाले के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन दो साल के बाद ही अपनी पार्टी की सरकार गिरा कर कांग्रेस की सरकार को समर्थन कर दिया था।
माओवादी ने कांग्रेस सरकार में रहते हुए ओली के साथ गबन्धन कर चुनाव लड़ा और बीच में कभी कांग्रेस के साथ मिल कर और कभी एमाले के साथ मिलकर सरकार गिराते रहे और बनाते रहे। इस बार भी तीसरी पार्टी बनने के बाद भी माओवादी ने कांग्रेस गठबन्धन में होने के बावजूद पहले तो एमाले के साथ मिल कर सरकार बनाई फिर एक महीने में यह गठबन्धन तोड़ कर कांग्रेस के साथ सरकार चलाई। एक वर्ष बाद फिर बिना किसी कारण यह गठबन्धन भी तोड़ कर एमाले के साथ सरकार चला रहे थे।
प्रचण्ड इतने पर ही नहीं रुके। अभी ओली के साथ सरकार चलाते हुए चार महीने ही हुए थे कि फिर से कांग्रेस के साथ बातचीत शुरू कर दी। यही कारण है कि इस बार दोनों दलों ने मिल कर माओवादी से किनारा किया और आपस में गठबन्धन कर लिया। नेपाली कांग्रेस ने भी एमाले नेता के इस दावे का समर्थन किया है कि अगले चुनाव में माओवादी के साथ कोई गठबन्धन नहीं किया जाएगा।
नेपाली कांग्रेस नेता डॉ. मिनेन्द्र रिजाल ने कहा कि सरकार की स्थिरता के लिए ही यह गठबंधन बनाया गया है। छोटे दलों के सत्ता के लिए बार्गेनिंग करने के कारण दोनों बड़े दलों ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए साथ आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रचण्ड सहित छोटे दलों के सत्ता में रहने और बड़े दलों को विपक्ष में रखने से जनमत का अपमान हो रहा था। इसलिए देउवा और ओली एक जगह आए हैं और आगामी चुनाव में बिना प्रचण्ड के साथ गठबन्धन के अकेले चुनाव लड़ने की शर्त पर ही गठबन्धन बना है।
(Udaipur Kiran) / पंकज दास पाश