RAJASTHAN

पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना की प्रारम्भिक रिपोर्ट का अध्ययन कर विस्तृत डीपीआर बनाएंगे – जल संसाधन मंत्री

विधानसभा

जयपुर, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि माही नदी को लूणी नदी से जोड़ने वाली पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना की डीपीआर की प्रारम्भिक रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि रिपोर्ट का तकनीकी अध्ययन कर विस्तृत डीपीआर बनाई जाएगी।

जल संसाधन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा परिवर्तित बजट वर्ष 2024-25 में बरसात एवं बाढ़ के व्यर्थ बह जाने वाले पानी के सदुपयोग हेतु दीर्घगामी योजना बनाकर ‘Runoff Water Grid’ स्थापित करने की घोषणा की गई है। इसके तहत 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विभिन्न कार्य कराए जाएंगे। योजना में माही बेसिन की माही व सोम नदी के मानसून अवधि के अधिशेष जल को, जयसमंद बांध सहित अन्य बांधों को भऱते हुए लूणी बेसिन के जवाई बांध तक लाने संबंधी कार्य किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस घोषणा से उदयपुर, सिरोही, पाली व जोधपुर में पेयजल की आपूर्ति व 16 हजार हैक्टेयर सिंचित क्षेत्र की पुनर्स्थापना की जाएगी।

रावत ने बताया कि जोधपुर एवं पाली में जल आपूर्ति के लिए, लूणी बेसिन में स्थित जवाई बांध से जोधपुर तक चरणबद्ध रूप से 3 वर्षों में 194 किलोमीटर लम्बी क्षतिग्रस्त फीडर नहर का जीर्णोद्धार कार्य 2 हजार 280 करोड़ रुपयों से करवाया जाएगा।

इससे पहले विधायक बाबू सिंह राठौड़ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 में, तत्पश्चात राजस्थान सरकार द्वारा बजट भाषण वर्ष 2017-18, 2018-19, 2021-22, 2022-23, 2023-24 व 2024-25 (अंतरिम बजट) में ईआरसीपी से सम्बंधित घोषणाएं की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 की बजट घोषणा 10 फऱवरी 2023 संख्या 173.X के क्रम में माही नदी को लूणी नदी से जोड़ने हेतु पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना की डीपीआर बनाये जाने हेतु मैसर्स वेपकॉस लिमिटेड को परियोजना की फिजीबिलिटी रिपोर्ट बनाने के कार्यादेश किये गये। मैसर्स वेपकॉस लिमिटेड द्वारा इसकी अन्तरिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है, जिसका तकनीकी आंकलन कराया जा रहा है।

रावत ने बताया कि वर्तमान में परिवर्तित बजट वर्ष 2024-25 में बरसात एवं बाढ का पानी व्यर्थ बहकर चला जाता है। इसके सदुपयोग हेतु दीर्घगामी योजना बनाकर रनऑफ वॉटर ग्रीड स्थापित करने एवं राजस्थान इरिगेशन वॉटर ग्रीड मिशन आरम्भ किया जाकर राज्य के समस्त जिलों में सिंचाई व्यवस्था के साथ जल संचय किये जाने के लिए कार्य किये जाने प्रस्तावित किये गये हैं।

(Udaipur Kiran) / संदीप

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