जयपुर, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के दर्जे में किसी प्रकार का संशोधन केन्द्र सरकार के स्तर पर ही संभव है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में धानक एवं धाणका समाज के बाहुल्य वाले 7 जिलों के कलेक्टरों को धानक एवं धाणका जाति के एक होने के संबध में परीक्षण कराकर इस संबंध में रिपोर्ट देने के लिए पत्र लिखा गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिला कलक्टरों की रिपोर्ट प्राप्त होने पर विभाग द्वारा परीक्षण कराकर इस संबंध में आगे की कार्यवाही की जाएगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में धाणका एवं धानक समाज के बाहुल्य वाले सात जिले जयपुर, अजमेर, अलवर, झुंझुनूं, सीकर, श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ हैं। उन्होंने बताया कि इन जिलों के कलक्टरों को 10 फरवरी, 2021 को इन जातियों के एक होने के संबंध में लिखित साक्ष्य दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया गया है।
उन्होंने जानकारी दी कि 26 फऱवरी 1981 को केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न जातियों को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग में सम्मिलित करने के मापदण्ड से संबंधित पत्र जारी किया गया था। इसके तहत 7 मार्च 1981 तक जातियों के अनुसूचित जाति या जनजाति के वर्ग परिवर्तन की रिपोर्ट मांगी गई थी। तत्पश्चात् इस संबंध में कोई प्रस्ताव केन्द्र सरकार को नहीं भेजा गया है। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के तहत अधिसूचित हो चुकी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को हटाना, शामिल करना अथवा किसी प्रकार का संशोधन करना, केवल संसद द्वारा कानून बनाकर ही किया जा सकता है।
इससे पहले विधायक रुपिन्द्र सिंह कुन्नर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान राज्य के लिये जारी गजट नोटिफिकेशन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 एवं हिन्दी संस्करण 1979 के अनुसार धाणका (Dhanka) को अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रम संख्या 4 में रखा गया है तथा धानक (Dhanak), धानुक (Dhanuk) एवं धानकिया (Dhankia) जातियों को अनुसूचित जाति में क्रमशः क्रम संख्या 20 व 21 पर अधिसूचित किया गया है। उन्होंने आदेश की प्रति सदन के पटल पर रखी।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा धानक (DHANAK) जाति को अनुसूचित जाति में सम्मिलित किया गया है तथा भारत सरकार द्वारा धाणका (DHANAKA) जाति को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित किया गया है। उन्होंने 26 फऱवरी 1981 को केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न जातियों को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग में सम्मिलित करने के मापदण्ड संबंधित जारी पत्र सदन के पटल पर रखा।
गहलोत ने कहा कि किसी भी जाति को अनुसूचित जाति व जनजाति में अधिसूचित किये जाने का कार्य केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड के आधार पर किया जाता है।
(Udaipur Kiran) / संदीप