देश-दुनिया के इतिहास में 20 जुलाई की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख शतरंज के खेल के शौकीनों के लिए खास है। यह रणनीति और बौद्धिक कौशल से जुड़ा खेल है। यह काफी लोकप्रिय खेल है। यह खेल मेंटल हेल्थ के लिए बेहतरीन है। इसी तारीख को हर साल विश्व शतरंज दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद शतरंज खेल के प्रति जागरुकता बढ़ाना होता है। इस दिवस पर शतरंज के इतिहास और सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा की जाती है। शतरंज एकमात्र ऐसा खेल है जो मानसिक विकास, रणनीतिक सोच और एकाग्रता को बढ़ावा देता है। विश्व शतरंज दिवस पहली बार 1851 में लंदन में आयोजित किया गया था। यह दौरान हुए खेल को जर्मनी के एडॉल्फ एंडरसन ने जीता था। लंबे अंतराल के बाद 20 जुलाई, 1924 में पेरिस में इंटरनेशनल चेस फेडरेशन की स्थापना हुई। इसीलिए विश्व शतरंज दिवस मनाने के लिए इस तारीख को चुना गया। 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक रूप से 20 जुलाई को विश्व शतरंज दिवस के रूप में मान्यता दी।
शतरंज प्राचीन खेल है। यह सदियों से लोगों को मनोरंजन और मानसिक चुनौती प्रदान करता आ रहा है। यह खेल न केवल बुद्धिमत्ता और रणनीति को विकसित करता है बल्कि लोगों को अनुशासन, धैर्य और योजना बनाने की क्षमता भी सिखाता है। विश्व शतरंज दिवस का उद्देश्य शतरंज के फायदों को व्यापक रूप से प्रसारित करना और इसे सभी उम्र के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाना है। शतरंज खेलने से आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास बढ़ता है। ऐसा माना जाता है कि लगभग 1500 साल पहले इस खेल की उत्पत्ति भारत में हुई। इस खेल को पहले चतुरंगा के नाम से जाना जाता था।
दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला शतरंज ऐसा खेल है, जिसमें कोई समय सीमा नहीं होती। इसे खेलते समय खिलाड़ियों को अपना दिमाग खर्च करना पड़ता है, जिससे उनकी अच्छी खासी दिमागी कसरत हो जाती है। इसीलिए इस खेल को दिमागी खेल कहा जाता है। माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति इस खेल को खेले तो उसके सोचने और समझने की शक्ति प्रबल हो जाती है। उसमें विपरीत परिस्थितियों में भी सूझ-बूझ के साथ निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है।
आज बच्चे कई तरह के गैजेट्स लेकर वीडियो गेम्स खेलते हैं, जो सिर्फ उन पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ने का काम करते हैं। अगर आप वाकई बच्चे के दिमाग को तेज करना चाहते हैं तो उसे शतरंज खेलने के लिए प्रेरित करें। इसमें राजा, वजीर, ऊंट, घोड़े, हाथी और सैनिक होते हैं। सारा खेल राजा को मात देने पर टिका होता है। इसके लिए खिलाड़ी दिमाग लगाकर कई तरह की चाल चलते हैं। शतरंज की सारी बिसात इस तरह बिछाई जाती है कि राजा को घेर लिया जाए।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1296: अलाउद्दीन खिलजी ने स्वयं को दिल्ली का सुल्तान घोषित किया।
1654: आंग्ल-पुर्तगाल संधि के तहत पुर्तगाल इंग्लैंड के अधीन हुआ।
1810: बोगोटा, न्यू ग्रेनेडा (अब कोलंबिया) के नागरिकों ने खुद को स्पेन से अलग कर स्वतंत्र घोषित किया।
1847: जर्मनी के खगोलशास्त्री थियोडोर ने धूमकेतु ब्रोरसेन-मेटकॉफ की खोज की।
1903: फोर्ड मोटर कंपनी ने अपनी पहली कार बाजार में उतारी।
1905ःबंगाल के पहले विभाजन को भारतीय सचिव ने मंजूरी दी।
1951ः जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला प्रथम यरुशलम में हमले में मारे गये।
1956: फ्रांस ने ट्यूनीशिया को स्वतंत्र देश घोषित किया।
1960ः सिलॉन की राष्ट्रपति सिरिमाओ भंडारनायके विश्व की प्रथम महिला राष्ट्रपति निर्वाचित हुई।
1969: नील आर्मस्ट्रांग के रूप में मानव ने चंद्रमा की सतह पर पहला कदम रखा।
1997ः तीस्ता नदी जल बंटवारे पर भारत-बांग्लादेश में समझौता।
1999ः यूआर राव (भारत) ‘यूनिस्पेस-3’ (अंतरिक्ष सम्मेलन) के अध्यक्ष निर्वाचित।
1999ःस्पेन में प्रथम बौद्ध स्तूप का उद्घाटन।
2002ः उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया के बीच वायुयान सेवा शुरू।
2008ः अमेरिका के तत्कालीन विदेशमंत्री कोंडलिजा राइस ने भारतीय अमेरिकी डॉक्टर जयंत पाटिल के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी।
2017ः रामनाथ कोविन्द भारत के राष्ट्रपति निर्वाचित।
जन्म
1920ः जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम मोहम्मद शाह।
1929ः सदाबहार अभिनेता राजेंद्र कुमार।
1950ः प्रसिद्ध और प्रतिभाशाली अभिनेता नसीरुद्दीन शाह।
1989ः माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय विकलांग अरुणिमा सिन्हा।
निधन
1914ः आधुनिक हिन्दी साहित्य के शीर्ष निर्माता बालकृष्ण भट्ट।
1920ः रामकृष्ण परमहंस की जीवन संगिनी शारदा देवी।
1982ः महात्मा गांधी की शिष्य ब्रिटिश सैन्य अधिकारी की बेटी मीरा बेन।
1996ः भारत की पहली महिला न्यायाधीश अन्ना चांडी।
2016ः अयोध्या विवाद के मुख्य पैरोकार हाशिम अंसारी।
2019ः केरल की पूर्व राज्यपाल एवं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित।
महत्वपूर्ण दिवस
-विश्व शतरंज दिवस।
(Udaipur Kiran) / मुकुंद