बीकानेर 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर पर आज वन महोत्सव का आयोजन प्रभागाध्यक्ष डॉ. एस. सी. मेहता के नैतृत्व में केंद्र के हर्बल गार्डन एवं परिसर में 300 पौधे लगा कर किया गया। इस अवसर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान “एक पेड़ माँ के नाम” को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हर व्यक्ति “एक पेड़ का पालनहार” बने।
डॉ मेहता ने कहा कि लगातार आप वृक्षारोपण करते रहेंगे तो वहाँ का इकोसिस्टम बदल जाएगा जैसा इस केंद्र पर हमने पिछले 6-7 वर्षों में किया है, इस बदले हुए इकोसिस्टम से यहाँ मोर एवं अन्य पक्षियों कि संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि पेड़ों के महत्त्व के बारे में सभी को जानकारी है एवं बड़ी संख्या में प्रतिवर्ष विभिन्न संस्थाएं पेड़ लगाती है लेकिन उनका पालन ठीक से नहीं होने के कारण बहुत कम पौधे अगले वर्ष दिखाई देते हैं। उन्होंने सभी अतिथियों को पिछले वर्ष लगाए गए पौधों को दिखाया एवं पेड़ों के पालनहार बनने का आवाहन किया। इस कार्यक्रम के लिए पौधे उपलब्ध कराने के लिए डॉ मेहता ने लखानी ट्रस्ट का आभार भी व्यक्त किया।
मुख्य अतिथि डॉ नरेश गोयल ने कहा कि जिस तरह ग्लोबल वार्मिंग एवं उससे सम्बन्धित खतरे बढ़ते जा रहे हैं ऐसे समय में वृक्षारोपण से बड़ी समाज की कोई सेवा नहीं हो सकती है। पेड़ पौधे धरती का श्रृंगार हैं। पर्यावरण संरक्षण एवं समाज सेवा के लिए वह व्यक्तिगत रूप से एवं विभिन्न संस्थाओं की तरफ से सहयोग पूर्व में भी करते आए हैं एवं आगे भी इसको जारी रखेंगे।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि साहित्यकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि जैसे ही सावन का महीना आता है धरती हमें पुकारती है एवं हम वृक्षारोपण कर अपना फर्ज अदा करते हैं। इस अवसर पर प्रतिष्ठित व्यवसाई एवं समाज सेवी सुरेश गुप्ता ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वह एक सरकारी विद्यालय में वृहद् वृक्षारोपण का कार्य करवा रहे हैं। इस अवसर पर इन्द्र चन्द सेठिया ने पर्यावरण को संरक्षित रखने की प्रतिज्ञा दिलाई। कार्यक्रम में लाल चन्द भाटी, एडवोकेट महेंद्र जैन, संजय कोचर, पूरण चन्द राखेचा, किरण मूंदड़ा, कल्याण राम सुथार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अतिथियों का स्वागत डॉ रमेश देदर, डॉ राव एवं डॉ जितेन्द्र सिंह ने किया। कार्यक्रम नरेन्द्र चौहान, ओम प्रकाश एवं गोपाल ने आयोजित किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में केन्द्र के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सहभागिता रही।
(Udaipur Kiran) / डॉ राजीव जोशी