श्योपुर, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के कराहल कस्बे के हनुमान कुटी करियादेह तिराहा पर पिपरौनिया परिवार द्वारा आयोजित की जा रही भागवत कथा के चौथे दिवस बुधवार को कथावाचक पं. रोहित कृष्ण शास्त्री खजूरी वालों ने कथा में रामजन्म, कृष्ण जन्म का विस्तार से वर्णन किया। इस दौरान कथा में नंदोत्सव मनाया गया और भगवान श्री कृष्ण की झांकी सजाई गई। कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भया जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ झूम उठे। वहीं श्रद्धालुओं ने माखन मिश्री के प्रसाद का भोग लगाकर वितरित किया।
कथावाचक पं. रोहित कृष्ण शास्त्री ने कहा कि कलयुग में भागवत कथा सुनने से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही जन्म जन्मांतर के पापों का अंत भी होता है। राम जन्म के प्रसंग के दौरान श्रीराम विवाह प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मां सीता के विवाह के लिए हो रहे धनुष यज्ञ प्रकरण के दौरान जब कोई भी राजा धनुष नहीं तोड़ पाए तो जनक जी परेशान हो गए। इसके बाद गुरू विश्वामित्र जी बोले हे राम उठो और धनुष को तोड़कर जनक के दुख को दूर करो। गुरू की आज्ञा पाकर भगवान राम उठे और धनुष को तोड़ दिया।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा भक्तों को श्रवण कराते हुए कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो अपने आप जेल के ताले खुल गए और वासुदेव की बेडिय़ां खुल गईं। वासुदेव भगवान ने श्रीकृष्ण इस संसार के पालनहार हैं। एक टोकरी में लेकर यमुना नदी को पार कर यशोदा मां और नंदलाल के पास छोड़ जाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने दुष्टों का नाश करने के लिए ही धरती पर जन्म लिया था। इस धरती को अधर्म से मुक्ति दिलाई। कथा में शास्त्री जी ने कहा कि जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए। भागवत महापुराण के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए बताया कि जब जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब तब परमात्मा अवतार धारण करके धरती पर धर्म की स्थापना करते हैं। इस मौके पर महिला पुरुषों ने नंदोत्सव पर जमकर नृत्य किया।
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा तोमर