Haryana

जींद: पीपीपी के ऑटो मोड से बनी 14117 बुजुर्गों की पेंशन

डीसी मोहम्मद इमरान रजा।

जींद, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । सरकार द्वारा लागू किए गए परिवार पहचान पत्र के माध्यम से जींद जिला में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत 14117 बुजुर्गों की घर बैठे बिठाए स्वत: ही सामाजिक सुरक्षा पैंशन बनी है। नागरिकों को सरल व सुगम माध्यम से सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई परिवार पहचान पत्र योजना का अब धरातल पर असर दिखने लगा है।

डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बुधवार को बताया कि वृद्धावस्था पेंशन योजना को परिवार पहचान पत्र से जोडऩे के बाद अब बुजुर्गों को काफी राहत मिली है। मुख्यमंत्री नायब सिंह के मार्गदर्शन में जब से सरकार की यह फ्लैगशिप योजना शुरू हुई है, तब से आयु व आय के निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाले बुजुर्गों की परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अब वृद्धावस्था सम्मान पेंशन ऑटो मोड में बन रही है। अब किसी भी बुजुर्ग को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लेने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है। जिला जींद में 14117 पात्र बुजुर्गों की पेंशन पीपीपी के माध्यम से बन चुकी है।

वर्तमान में समाज कल्याण विभाग द्वारा जिला जींद के एक लाख 28 हजार 132 बुजुर्गों को प्रत्येक माह तीन हजार रुपये की राशि वृद्धावस्था सम्मान पेंशन के रूप में उनके खाते में भेजी जा रही हैं। जिला में 15,144 दिव्यांगों को, 56138 विधवा महिलाओं को, 16993 निराश्ररित बच्चों को, 682 मंदबुद्धि बच्चे जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है और स्कूल नहीं जाते है उनको राज्य सरकार द्वारा पैंशन दी जा रही है। इसी प्रकार जिला में एक किन्नर को, छह व्यक्तियों को बोना भत्ता, एसिड अटैक से पीडि़त एक व्यक्ति को, 196 विदुर व कुवांरों को पैंशन दी जा रही है। इसी प्रकार जिला में लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता 2348 लाभार्थियों को दिया जा रहा है। जिलाभर में एक लाख 28 हजार 132 बुजुर्गों को लाभ दिया जा रहा है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी सरोज देवी ने बताया कि अब पीपीपी से आटो मोड से वृद्धावस्था पेंशन बनाने की विभागीय प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांग, विधवा पेंशन, लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता, दिव्यांग बच्चे के लिए भत्ता दिया जा रहा है।

(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा / SANJEEV SHARMA

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