RAJASTHAN

हरियाली से लहलहाएंगे बंद पड़े माइनिंग क्षेत्र, प्रदेश में चित्तौड़ से हो रही शुरुवात

चित्तौड़गढ़ शहर के निकट स्थित बंद पड़ा माइनिंग क्षेत्र, जहां पौधारोपण की योजना है।

चित्तौड़गढ़, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । खनिज विभाग राजस्थान में चित्तौड़गढ़ से एक नई शुरुआत करने जा रहा है। कभी धमाकों और लोगों की आवाजाही से आबाद रहे बंद पड़े माइनिंग क्षेत्र को हरा भरा बनाया जाएगा। चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय के निकट भैरूसिंहजी का खेड़ा के बंद पड़े माइनिंग क्षेत्र में पौधारोपण की योजना तैयार की गई है। इस योजना को शीघ्र अमलीजामा पहनाया जाएगा। संभवतया राजस्थान में चित्तौड़गढ़ से ही इसकी शुरुआत होने जा रही है और कहीं पर भी बंद पड़ी माइंस में पौधारोपण को लेकर योजना तैयार नहीं हुई है। चित्तौड़गढ़ में जिला कलक्टर आलोक रंजन के निर्देशन में खनिज विभाग ने इस योजना पर कार्य करना शुरू कर दिया है।

जानकारी में सामने आया कि सरकार की और से इस वर्ष भीषण गर्मी को देखते हुए पूरे प्रदेश में अधिक से अधिक पौधारोपण का लक्ष्य तय किया गया है। चित्तौड़गढ़ जिले में भी करीब 11 लाख से अधिक पौधे लगाने की योजना है। आम जनता और विभागों के सहयोग से इसमें पौधारोपण शुरू कर दिया है। इसमें खनिज विभाग के मुख्यालय से गत दिनों निर्देश आए थे कि बंद पड़े माइनिंग क्षेत्र में भी पौधारोपण किया जा सकता है। इससे पौधरोपण के लिए नया क्षेत्र मिलेगा और जमीन का भी सदुपयोग होगा। ऐसे में चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर के निर्देशन में खनिज अभियंता चित्तौड़गढ़ की टीम ने इसको लेकर कार्य करना शुरू किया। जिला मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर भैरूसिंहजी का खेड़ा में खनिज विभाग ने स्थान का चयन किया है। यहां लंबे समय से खनन बंद है। यहीं पौधारोपण को लेकर योजना बना कर तैयारी शुरू कर दी गई है। पहले चरण में 100 पौधे लगाए जाएंगे।

खनिज अभियंता ए सिद्दीकी ने बताया कि भैरूसिंहजी का खेड़ा में 22 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है। यहां वन विभाग की तर्ज पर उपवन क्षेत्र तैयार कर के पौधारोपण होगा। माइंस में खड्डों के बीच तालाब जैसे पानी भरा रहेगा और उनके चारों तरफ हरियाली रहेगी। भविष्य में हरियाली के बीच माइंस के खड्डों में भर पानी आंखों और मन को सुकून देगा।

अतिक्रमण की समस्या से भी मिलेगा छुटकारा

बंद पड़ी माइंस में अतिक्रमण की समस्या से भी इस निर्णय के बाद निजात मिल सकेगी। बंद पड़ी माइंस में लोग अब कब्जा करने लगे हैं। ऐसे में अतिक्रमण को मुक्त करने के लिए भी यह एक कारगर कदम साबित हो सकता है। यहां पौधारोपण के साथ ही चार दीवारी के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। सरकारी मद या संस्थाओं के सहयोग से चार दीवारी का निर्माण होगा। इसके बाद भविष्य में पौधों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

चित्तौड़ दुर्ग को खतरा था इसलिए लगी खनन पर रोक

भैरूसिंह जी का खेड़ा का माइनिंग क्षेत्र चित्तौड़ दुर्ग के पीछे की और स्थित है। यहां पर खनन काफी समय से बंद है। यहां पर ब्लास्टिंग होने के कारण चित्तौड़ दुर्ग को नुकसान पहुंच रहा था। ऐसे में न्यायालय के आदेश के बाद यहां पर खनन बंद कर दिया था। भविष्य में भी यहां खनन की संभावना नहीं है। इसका कारण है कि यहां बिना ब्लास्टिंग नहीं हो सकता है। खनन होता है तो चित्तौड़ दुर्ग से ज्यादा दूरी नहीं होने से ब्लास्टिंग की अनुमति मिलने की संभावना कम ही है।

चित्तौड़गढ़ खनिज अभियंता ए. सिद्दीकी के अनुसार मुख्यालय से बंद पड़े खनन क्षेत्र में पौधारोपण के निर्देश मिले थे। भैरूसिंह जी का खेड़ा में बंद पड़े खनन क्षेत्र को चिन्हित किया है। जिला कलक्टर से इस बारे के चर्चा कर सघन पौधारोपण के लिए इस क्षेत्र को विकसित करने की योजना तैयार की है। आगामी दिनों में यहां पौधे लगाए जाएंगे।

(Udaipur Kiran) / अखिल तिवारी

Most Popular

To Top