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अनुसंधान किसानाें के खेताें तक पहुंचाएं और तकनीकी का इस्तेमाल कर कृषि लागत काे घटाया जाए : शिवराज सिंह चाैहान

आज नई दिल्ली स्थित पूसा परिसर में आयोजित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद  के 96वें स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

नई दिल्ली, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । अन्न के उत्पादन में तो हमने प्रगति की ही है। साथ ही पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व कार्य हुआ है, लेकिन जरूरी है कि अनुसंधान किसानाें के खेताें तक पहुंचाए जाएं और तकनीकी का इस्तेमाल कर कृषि लागत काे घटाया जाए। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चाैहान मंगलवार काे पूसा परिसर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीआर) के 96वें स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस समाराेह में ये बातें कहीं।

केंद्रीय कृषि मंत्री चाैहान ने अपने संबाेधन में कहा कि किसान व खेताें काे वैज्ञानिकों से जोड़ देंगे, तो लाभ मिलेगा, उत्पादन भी बढ़ेगा और टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए हम लागत भी घटा पाएंगे। उन्हाेंने अधिकारियाें व विज्ञानियाें से कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पास 5,500 वैज्ञानिक हैं। दाे-दाे वैज्ञानिक की टीम बनाकर कृषि विज्ञान केंद्र में तीन दिन के लिए भेजिए। ताकि वे इसका लाभ उठा सकें।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि हम एक सीमांत किसान हैं और हमारे पास जमीन के छाेटे छाेटे टुकड़े हैं। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। देश की आधी आबादी कृषि पर निर्भर हैं। ऐसे में छाेटी जाेत के किसानाें के लिए हमें काेशिश करनी चाहिए। माडल फार्म बनाएं।

उन्हाेंने कहा कि जब मध्य प्रदेश की कमान संभाली, तब मध्य प्रदेश का कुल बजट 21 हजार कराेड़ था। यहां पर अनाज का उत्पादन महज 100 लाख मीट्रिक टन था। यह उत्पादन बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन हाे गया। किसानाें ने जरूरत की चीजें खरीदी ताे कारखानाें के चक्के चले, पूंजी का निवेश हाेने लगा। कृषि क्षेत्र में क्रांति से मध्य प्रदेश बीमारू से विकसित राज्य बन गया।

इस दाैरान केंद्रीय कृषि मंत्री चाैहान ने कृषि और पशु व मत्स्य विज्ञान तथा कृषि अभियांत्रिकी के क्षेत्र में नवाचार करने वाले विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों व संस्थानों को सम्मानित किया।

इस माैके पर पशुपालन, डेयरी और मत्स्य मंत्री राजीव रंजन सिंह, राज्य मंत्रियाें में रामनाथ ठाकुर, भागीरथी चाैधरी एसपी सिंह बघेल, जारुज कुरियन , पशुपालन, डेयरी और मत्स्य सचिव डाक्टर हिमांशु पाठक, भारतीय अनुसंधान परिषद सचिव संजीव गर्ग ने भी अपना संबाेधन दिया।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / बिरंचि सिंह / रामानुज

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