जयपुर, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों कल्याणकारी योजनाओं का सम्पूर्ण लाभ देने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि श्रमिक कल्याण की योजनाओं के लंबित आवेदनों का वरीयतानुसार निस्तारण किया जा रहा है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का श्रम मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन को बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गत 5 वर्षों में प्राप्त श्रमिक उपकर का लगभग 53 फीसदी ही श्रमिक कल्याण के लिए उपयोग किया गया। पूर्ववर्ती सरकार के समय करीब 2 हजार 537 करोड़ श्रमिक उपकर से आय प्राप्त हुई, जिसमें से करीब एक हजार 356 करोड़ ही उनकी योजनाओं पर खर्च किये गए। उन्होंने कहा कि इस दौरान वित्त की उपलब्धता पर भी श्रमिकों को पूर्ण लाभ नहीं दिया गया।
उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि शुभशक्ति योजना के तहत नागौर में श्रमिकों के भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने निरस्त आवेदनों की भी जांच कराकर समुचित कार्रवाई करने के लिए कहा।
इससे पहले विधायक अजय सिंह के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में खाद्य मंत्री ने बताया कि भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्य में नियोजित 18 वर्ष से 60 वर्ष तक के आयु वर्ग के श्रमिक जिन्होने गत् 12 माह में, कम से कम 90 दिवस निर्माण कार्य किया है, वह भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मंडल मे पंजीयन के पात्र हैं। उन्होंने बताया कि नियमित अंशदान जमा कराने और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं मे उल्लेखित पात्रता एवं शर्तों को पूर्ण करने वाले पंजीकृत श्रमिकों को सहायता राशि दी जाती है।
खाद्य मंत्री ने बताया कि एक अप्रैल 2020 से 31 मई 2024 की अवधि मे नागौर जिले में 44 हजार 225 योजनाओं के आवेदन स्वीकृत कर 66.81 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई। उन्होंने बताया कि नागौर जिले में इस अवधि के विभिन्न योजनाओं के कुल 8 हजार 661 आवेदन लम्बित है, जिनमें शुभशक्ति योजना के एक हजार 244 तथा श्रमिक सुलभ्य आवास योजना के 133 आवेदन बजट के अभाव में लंबित हैं। इन लंबित आवेदकों को बजट की उपलब्धता पर चरणबद्ध रूप लाभान्वित किया जायेगा।
(Udaipur Kiran) / संदीप