जयपुर,16 जुलाई (Udaipur Kiran) । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि प्रदेश में ट्रोमा सेंटर रहित जिला अस्पतालों में प्राथमिकता से ट्रोमा सेंटर शुरू करने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि नए बनने वाले जिला अस्पतालों में ट्रोमा सेंटर आवश्यक रूप से खोलने का प्रावधान किया गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार दुर्घटना में घायल व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में 50 किमी से अधिक परिवहन की आवश्ययकता ना पड़े, इसके लिए प्रत्येक 100 किमी पर एक ट्रोमा सेंटर खोले जाने का प्रावधान है।
जिला चिकित्सालय निम्बाहेडा एवं छोटी सादडी के चिकित्सालयों में ट्रोमा सेंटर खोलने के विषय पर उन्होंने जानकारी दी कि जिला चिकित्सालय चित्तौड़गढ़ में वर्तमान में ट्रोमा सेंटर संचालित है, जो जिला चिकित्सालय निम्बाहेड़ा से 32 किमी दूर है। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गंगरार, चित्तौड़गढ़ पर भी ट्रोमा सेंटर संचालित है, जिसकी भी निम्बाहेड़ा से दूरी 59 किमी है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार प्रत्येक 100 किमी पर एक ट्रोमा सेंटर खोले जाने के प्रावधान अनुसार जिला चिकित्सालय निम्बाहेड़ा की दूरी पूर्व में संचालित ट्रोमा सेंटरों से कम होने के कारण ट्रोमा सेन्टर खोला जाना प्रस्तावित नहीं है।
इसी प्रकार सामान्य चिकित्सालय प्रतापगढ में वर्तमान में ट्रोमा सेंटर संचालित है, जो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छोटी सादड़ी से 57 किमी दूर है। उन्होंने बताया कि नियमानुसार प्रत्येक 100 किमी पर एक ट्रोमा सेंटर खोले जाने के प्रावधान अनुसार सामान्य चिकित्सालय प्रतापगढ़ से दूरी कम होने व वर्तमान में प्राइमरी ट्रोमा सेंटर संचालित होने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छोटी सादड़ी में ट्रोमा सेन्टर खोला जाना प्रस्तावित नहीं है।
इससे पहले विधायक श्रीचन्द कृपलानी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों के समीप चिकित्सा संस्थानों में ट्रोमा सेंटर (वार्ड) खोले जाते हैं। उन्होंने विगत तीन वर्षों में प्रदेश में खोले गए ट्रोमा सेन्टर की सूची सदन के पटल पर रखी।
(Udaipur Kiran)