Uttar Pradesh

नौ साल के बच्चे से कुकर्म-हत्या के दोषी को अदालत ने सुनाई फांसी की सजा

आरोपित को पुलिस सजा के लिए ले जाते हुए, जानकारी के दौरान  विशेष लोक अभियोजक अलका उपमन्यु

स्पेशल डीजीसी श्रीमती अलका उपमन्यु ने चार मामलों में कराई फांसी

एडीजे विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट रामकिशोर-3 की अदालत ने दिया फैसला

मथुरा, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । कोसीकलां में 21 जून 2022 को नौ साल के बच्चे की कुकर्म के बाद गला दबाकर हत्या और शव को फांसी के फंदे पर पेड़ से लटकाने के दोषी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। मंगलवार दोपहर एडीजे विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट रामकिशोर-3 की अदालत से यह फैसला आया। फांसी की सजा का आदेश सुनते ही दोषी अदालत में फूट-फूट कर रोने लगा। 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

गौरतलब हो कि वारदात 21 जून 2022 की शाम हुई थी। कोसीकलां के नगला मेव गांव में खाली पड़े मकान के नौहरे में लगे पेड़ पर उसी गांव के नौ साल के बालक का शव लटका मिला था। बालक अक्सर उस नौहरे में अपने गांव के दोस्तों के साथ खेलने जाता था। पुलिस ने पहुंचकर शव को फंदे से उतारते हुए पोस्टमार्टम को भेजा था। परिवार वालों ने पुरानी रंजिश के चलते हत्या का आरोप लगाते हुए गांव की एक महिला सहित आठ लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया था। पुलिस ने 22 जून को पोस्टमार्टम कराया। इसमें बच्चे के साथ कुकर्म और उसकी गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। इस पर पुलिस का माथा ठनका। पुलिस ने गहनता से क्राइम सीन की पड़ताल की तो वहां इस्तेमाल किए हुए निरोध मिले। पुलिस ने उनको संरक्षित कर एफएसएल जांच को भेजा। आगरा जोन के तेज तर्रार इंस्पेक्टरों में शुमार अनुज राणा उस वक्त कोसीकलां थाने के प्रभारी थे। उन्होंने जिस व्यक्ति का वह खंडहर मकान था। उसकी पड़ताल की। उसका मेवात में रहना पाया गया। मगर, उसका एक भाई दर्याव, जो कि वारदात के समय करीब 42 वर्ष का था। वह उसी गांव में रहता था। उसी की देखरेख में वह खंडहर नुमा मकान था। पुलिस को गांव के बच्चों से पता लगा कि कभी-कभी दर्याव भी बच्चों के साथ खेलने आ जाता था। पुलिस ने दर्याव से पूछताछ की तो शुरुआत में उसने बताया कि वह सब्जी विक्रेता है और घटना वाले दिन वह सब्जी बेचने गया था। ताजा घटना होने के चलते पुलिस ने तत्काल उसके द्वारा बताए सब्जी बेचने के स्थान पर जाकर सीसीटीवी फुटेज खंगाले। मगर, उसकी वहां मौजूदगी नहीं पाई गई। इतना ही नहीं, पुलिस ने उसके ग्राहकों से भी पूछताछ की। ग्राहकों ने बताया कि वह 21 जून को सब्जी बेचने नहीं आया था। इसके बाद पुलिस ने उसका सीमन, खून, नाखून, बाल आदि सैंपल लेकर जांच को आगरा एफएसएल भेजे। एफएसएल रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि घटनास्थल से पाए गए निरोध में भरा सीमन और दर्याव का सीमन एक ही है। इससे पुलिस को पुख्ता हो गया कि उसने ही वारदात की है। पुलिस ने उसके खिलाफ मय साक्ष्य कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। एडीजे विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट रामकिशोर-3 की अदालत में इस मुकदमे का ट्रायल चला।

मंगलवार दोपहर विशेष लोक अभियोजक अलका उपमन्यु ने बताया कि कोर्ट में पुलिस द्वारा दाखिल साक्ष्यों, गवाहाें की तस्दीक कराई गई। कोर्ट ने साक्ष्यों व गवाही के आधार पर दर्याव को इस शर्मनाक वारदात का दोषी करार देने के बाद फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 1.20 लाख का जुर्माना भी लगाया है।

(Udaipur Kiran) /महेश

(Udaipur Kiran) / महेश कुमार / Siyaram Pandey

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