राज्यसभा व लोकसभा में समय-समय पर पेश रिपोर्ट से होता खुलासा
हर घंटे देश में औसतन एक से अधिक कर्ज में डूबे किसान गंवा रहे जान
सिरसा, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि देश में किसानों के पास कृषि योग्य जमीन लगातार घट रही है, जबकि कर्जे की रकम लगातार बढ़ रही है। बढ़ते कर्ज के कारण हर घंटे देश में औसतन एक से अधिक किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं और फिर भी6 केंद्र की भाजपा सरकार इनकी सुध लेने के लिए कोई कदम उठाने को तैयार नहीं हैं। अन्नदाता किसान की अनदेखी की कीमत भाजपा को विधानसभा चुनाव में चुकानी होगी।मंगलवार काे जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि यह खुलासा राज्यसभा लोकसभा में समय-समय पर पेश रिपोर्ट और एनएसओ व एनसीआरबी के आंकड़ों से होता है। इससे पता चलता है कि देश की करीब 52 फीसदी आबादी रोजगार के लिए कृषि पर निर्भर है और जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत है। लेकिन, दूसरे सेक्टर्स के मुकाबले देश में खेती से जुड़े लोगों की स्थिति लगातार खराब ही हो रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश का प्रत्येक किसान परिवार आज 74121 रुपये के कर्ज तले दबा है, जबकि एक किसान परिवार की औसत मासिक आय सिर्फ 10218 रुपये ही है। किसानों की घरेलू स्वामित्व जोत का औसत6 आकार भी घटता जा रहा है। देश में 9.31 करोड़ किसान परिवारों में से 6.56 करोड़, यानी 70 प्रतिशत से अधिक के पास 1 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। देश में सिर्फ 0.4 प्रतिशत किसान परिवारों के पास ही 10 हेक्टेयर से अधिक भूमि है। कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों की बदतर हालत को इसी बात से समझा जा सकता है कि प्रत्येक किसान परिवार के पास औसतन 0.876 हेक्टेयर जमीन है। लगातार कर्ज में डूबने के कारण साल 2012 से 2022 के बीच 114695 किसान खुदकुशी कर चुके हैं।
यानी, हर दिन में 31 जान जा रही हैं। किसान बैंकों, सरकार, सहकारी समितियों व सूदखोरों के कर्जदार हैं और इस कर्ज को समय पर चुका भी नहीं पा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हरियाणा के किसान कर्ज के मामले में देश में चौथे नंबर पर आते हैं। यानी, खराब स्थिति के मामले में टॉप 4 में हैं। यहां 19.06 लाख किसान परिवार हैं, जिनमें से 9.06 लाख परिवार कर्ज में डूबे हुए हैं, जो कुल कृषक परिवारों का 47.5 प्रतिशत हैं। इन पर औसत कर्जा 1.82 लाख रुपये है। इतना सब होने के बावजूद प्रदेश की भाजपा सरकार ने एक बार भी केंद्र की भाजपा सरकार के सामने यहां की हकीकत बताती रिपोर्ट नहीं रखी है। इससे पता चलता है कि डबल इंजन की सरकार पूरी तरह किसान विरोधी है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / रमेश डाबर शर्मा