डिब्रूगढ़
(असम), 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिला के मोरान के खोवांग इलाके में बाढ़ की स्थिति
में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन बाढ़ प्रभावित लोगों को अब जटिल स्थिति का सामना
करना पड़ रहा है। खोवांग के डालनीकुर, बारबिल खलीमारी गांव के लगभग 200 किसान
परिवार अब सदमे की स्थिति में हैं। क्योंकि, खेती के साथ आत्मनिर्भर गांव में करीब
600 बीघा जमीन पर सब्जियों की खेती बाढ़ में पूरी तरह तबाह हो गई है।
गांव
के किसानों द्वारा उगाई गई तिताकेरेला, भातकेरेला, कुंडुली, मिर्च, बैंगन, जीका, तिया, पोताल आदि की खेती करीब 15 दिनों तक आई
बाढ़ से पूरी तरह नष्ट हो गई। इसके अलावा, धान की खेती, कटहल आदि भी बाढ़ के पानी
में डूबकर पूरी तरह से नष्ट हो गये हैैं। बाढ़ के कारण कई दिन राहत शिविर में बिताने
के बाद गांव के किसान वापस गांव में लौट रहे हैं। किसान खेतों की बर्बादी देखकर
हताश और मायूस हो गये हैं।
इसके
अलावा, बाढ़ में किसानों के मवेशी और मुर्गियां भी मर गई हैं,
जिससे व्यापक धन हानि हुई है। घर के अंदर रखा गया धान भी पूरी तरह से बाढ़ के पानी में नष्ट हो गया।
प्रभावितों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन और कृषि विभाग द्वारा किसानों को कुछ राहत
पहुंचाई जाएगी। गांव की मुख्य समस्या कटाव की है। लोगों ने इस समस्या के
समाधान की मांग की है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय / दधिबल यादव