जयपुर, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने रामगढ बांध में अतिक्रमण से जुडे मामले में गठित मॉनिटरिंग कमेटी को दो सप्ताह में हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में निरीक्षण रिपोर्ट पेश करने को कहा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश रामगढ़ बांध में अतिक्रमण को लेकर लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान से जुडे प्रकरणों पर सुनवाई करते हुए दिए।
कमेटी के सदस्य अधिवक्ता वीरेन्द्र डांगी ने बताया कि कमेटी ने गत जून माह में बांध क्षेत्र का दौरा किया था। जिसमें कई जगहों पर अतिक्रमण मिला है। अचरोल नाले के बीच एक फैक्ट्री का निर्माण कर लिया गया है। इसके अलावा निम्स के पास भी पानी को रोका जा रहा है। इसके अलावा रोडा नदी के उद्गम स्थल पर ही तालाब का निर्माण किया गया है। जिसके चलते नदी का पानी आगे नहीं जाता है। वहीं कई जगह पर नदी के बहाव क्षेत्र को समतल कर उस पर खेती की जा रही है। दूसरी ओर विराट नगर में नदी के बहाव क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी ने रोड का निर्माण कर दिया। मिलीभगत कर यहां एक रिसोर्ट का निर्माण कर विभागों ने एनओसी भी जारी कर दी है। डांगी ने बताया कि रामगढ बांध तक पानी पहुंचाने वाली बाण गंगा, माधो बेणी और ताला नदी में दस फीट से अधिक मिट्टी भरी हुई है।
गौरतलब है कि रामगढ़ बांध में अतिक्रमण और पानी नहीं पहुंचने के मामले में हाईकोर्ट ने वर्ष 2011 में स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। वहीं बाद में अदालत मामले का निस्तारण करने के बाद राज्य सरकार और मॉनिटरिंग कमेटी से समय-समय पालना रिपोर्ट मांग रही है।
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(Udaipur Kiran) / संदीप