मुंबई, 16 जुलाई, (Udaipur Kiran) । लिफ्टों और एस्केलेटरों के सुचारू संचालन और रखरखाव के लिए पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल ने नवीनतम तकनीक का उपयोग किया है और एक केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली विकसित की है। इस प्रणाली ने एस्केलेटर और लिफ्टों के डाउन टाइम को काफी कम कर दिया है और इस तरह यात्रियों के लिए उनकी उपलब्धता बढ़ा दी है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार यात्रियों, विशेषकर बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए मुंबई सेंट्रल मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर 69 लिफ्ट और 122 एस्केलेटर काम कर रहे हैं। हालांकि, यात्रियों को तब परेशानी का सामना करना पड़ता है, जब एस्केलेटर या लिफ्ट काम नहीं करते हैं। विशेष रूप से, शरारती तत्वों द्वारा आपातकालीन स्टॉप बटन दबाने के कारण एस्केलेटर काम करना बंद कर देते हैं और जब तक इसे ठीक नहीं किया जाता, तब तक वे बंद पड़े रहते हैं। इसलिए, प्रत्येक एस्केलेटर और लिफ्ट के लिए अलग-अलग कर्मचारी नियुक्त करना किफायती नहीं है। ऐसी स्थितियों के दौरान त्वरित निवारण प्रदान करने के लिए, पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल मंडल ने एस्केलेटर और लिफ्टों के लिए एक वेब आधारित जीएसएम अलर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया है। इसके अलावा, एक मोबाइल एप्लिकेशन भी विकसित किया गया है, जो लिफ्ट/एस्केलेटर के काम करना बंद करने की स्थिति में तत्काल सूचना देने का काम करता है।
इस प्रणाली से रेलवे को मानवश्रम बचाने में मदद मिलेगी और इससे यात्रियों को बहुत लाभ होगा, क्योंकि उन्हें होने वाली समस्या का तुरंत समाधान किया जा सकेगा। यह निगरानी प्रणाली एस्केलेटर और लिफ्ट दोनों में उपलब्ध कराई गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल मंडल में 9 लिफ्ट चालू की गई हैं। भायंदर, नायगांव और वसई रोड पर दो-दो जबकि सांताक्रुज, बोरीवली और दहानू रोड पर एक-एक लिफ्ट चालू की गई है। इसी तरह, 6 एस्केलेटर चालू किए गए हैं, जिनमें खार रोड और वसई रोड पर दो-दो जबकि भायंदर और नायगांव में एक-एक एस्केलेटर शामिल हैं।
(Udaipur Kiran) / कुमार यादव