गरियाबंद/रायपुर, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) ।छत्तीसगढ़ के मैनपुर में पुलिस ने सहकर्मियों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर धोखाधड़ी से तीन करोड़ से अधिक की राशि के गबन करने के मामले में आरोपित कालेश्वर नेगी समेत उनके 3 सहयोगियों को आज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।इस मामले में अब तक 7आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि मैनपुर थाने में 18 मई 2024 को 6 साल पहले हुए 3.13 करोड़ के धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी मैनपुर गजेन्द्र सिंह ध्रुव ने पुलिस को अपने लिखित आवेदन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर के अंतर्गत 11 लोगों के खिलाफ 3 .13 करोड़ की राशि के गबन का आरोप लगाया।आवेदन में जानकारी दी गई कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से वित्तीय वर्ष 2019-20 के मध्य तत्कालिक चिकित्सा अधिकारी और अन्य 10 आरोपितों ने कोषालय में बी.टी.आर. और बैरर चैक के माध्यम से फर्जी देयक तैयार किया। इसके बाद हस्तलिखित मुद्रा की फर्जी बिल तैयार कर राज्य के लोक-लेखा से शासकीय राशि तीन करोड़, तेरह लाख, तिरालीस हजार, नौ सौ इकत्तर रुपये अवैध रूप से निकाले लिए। पुलिस ने जांच के बाद इस मामले में अपराध क्रमांक 54/2024 धारा 420, 467, 468, 471, 409, 120बी भादवि. के तहत अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया है।
साइबर सेल के मदद से इस प्रकरण के चार आरोपित तत्कालीन बीएमओ के अलावा विनोद कुमार ध्रुव (38 वर्ष) निवासी ग्राम खड़मा, संतोष कोमर्रा( 46 वर्ष) निवासी मैनपुर-2, गुरूवेन्द्र साव (उम्र 46) निवासी- महासमुंद वार्ड नं. 29 रमनटोला को विधिवत गिरफ्तार कर पूर्व में जेल भेजा जा चूका है। इस मामले में अब तक सात आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा / चन्द्र नारायण शुक्ल