नई दिल्ली, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर काम कर रहे बाल मजदूरों को छुड़ाने के लिए छापा मारकर कार्रवाई करने की मांग पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार के अलावा, राजस्व विभाग, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को भी नोटिस जारी किया। याचिका रोहतास नाम व्यक्ति ने दायर किया है। याचिकाकर्ता ने एनजीओ सहयोग केयर फॉर यू नाम के काम का समर्थन करते हुए याचिका में कहा है कि उसने अब तक विभिन्न प्राधिकारों को इन बाल श्रमिकों को छुड़ाने के लिए 18 शिकायतें कर चुके हैं। ये बाल श्रमिक दिल्ली के विभिन्न स्थानों में काफी असुरक्षित वातावरण में काम करने को मजबूर हैं। उनसे बंधुआ मजदूरों की तरह 12-13 घंटे काम लिया जाता है। याचिकाकर्ता ने अपनी शिकायतों में 245 बच्चों और 772 किशोरों को छुड़ाने के लिए कहा था। याचिकाकर्ता ने कहा कि कानून के मुताबिक शिकायत मिलने के 24 से 48 घंटे के अंदर बच्चों को छुड़ाने का प्रावधान है लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
याचिका में कहा गया है कि इन बाल श्रमिकों में अधिकतर को तस्करी कर लाया गया है जो नियोक्ता के यहां ही रहते हैं और काम करते हैं। उन्हें खतरनाक परिस्थितियों में काम करने को मजबूर किया जाता है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील संतोष त्रिपाठी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी शिकायत में छुड़ाए जाने वाले बाल श्रमिकों को जिन स्थानों पर रखा गया है उनका सही पता उपलब्ध नहीं कराया। बिना सही पते के कार्रवाई करना संभव नहीं है। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें अब तक 3 एसडीएम ने बैठक करने के लिए सूचना दी। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि प्रशासन को इस मामले पर कोर्ट के पहले के आदेशों का ध्यान रखना चाहिए।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा / आकाश कुमार राय