Haryana

सिरसा: हरियाणा के सिख समाज को एक जुट कर उनके हकों की आवाज बुलंद करने की मुहिम हुई तेज

हरियाणा के सिख समाज को एक जुटकर उनके हक़ों की आवाज़ बुलंद करने की मुहिम

सिरसा, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा के सिख समाज को एक जुटकर उनके हक़ों की आवाज़ बुलंद करने की मुहिम अब तेज हो रही है। विगत सप्ताह करनाल में हुई प्रदेश स्तरीय बैठकके बाद अब जिला स्तरीय बैठकों कादौर शुरू किया गया व हिसार,

फतेहाबाद के बाद आज सिरसा में मौजिज सिखों व सिख संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई।

सिरसा के गुरुद्वारा पातशाही दसवीं में आयोजित बैठक में इंटरनेशनल सिख फोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु, किसान यूनियन के प्रधान जगदीप सिंह औलख, सिरसा से सुरिंदर सिंह वैदवाला,सुखविंदर सिंह जब्बर, गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार सभा के हरियाणा प्रधान सुखविंदर सिंह ख़ालसा, शिरोमणि गतका फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के प्रधान गुरतेज़ सिंह खालसा, सिरसा से मनजीत सिंह चावला, गुरमेज़ सिंह सिरसा, किसान नेता अमृत सिंह बुग्गा, रिटायर्ड सेशन जज बलवंत सिंह, राघबीर सिंह धीरा,बालविंदर सिंह गिल सहित अन्य सिख प्रतिनिधियों ने संबोधित किया व सभी को धड़े बंदी व पार्टी बाज़ी से ऊपर उठकर न्यूनतम साँझा कार्यक्रम के तहत निम्न मुद्दों पर एक जुट होने की अपील की।

उनकी मांगों में हरियाणा में 15-20 विधान सभा सीटों में सिख बड़ी गिनती में हैं, आने वाले विधान सभा चुनावों में यहां से सिख उम्मीदवार उतारे जाएं, अगर कोई सीट रिज़र्व हो तो ऐसी सीट पर रिज़र्व सिख जैसे मज़हबी,रविदासिया, शिग्लीगर आदि को टिकट दी जाए। अगली लोकसभा में सिख समुदाय के दो प्रतिनिधियों को टिकट मिले व राज्य सभा में भी हरियाणा के सिख समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाए, पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा प्राप्त है लेकिन सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी के टीचर नहीं हैं। पंजाबी टीचर भर्ती का रिजल्ट भी लंबित है।

पिछला रिजल्ट निकाला जाए व जिन सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी टीचर नहीं हैं। वहां पोस्ट दी जाए, पंजाबी साहित्य अकादमी को पहले की तरह स्वतंत्र प्रभार दिया जाए ताकि पंजाबी भाषा के विकास के कार्य हो सकें,सोशल मीडिया पर सिख धर्म, गुरु साहेबान, सिख क़ौम के बारे ग़लत प्रचार करने व सिखों को टारगेट बनाकर व गलत शब्द इस्तेमाल कर हमला करने पर सख़्त कारवाई करने के लिए हर जिले में एसआईटी का गठन किया जाए, परीक्षाओं में अमृतधारी बच्चों के ककार न उतरवाने के लिए सपष्ट निर्देश दिए जाएं व ऐसा करने पर संबंधित अधिकारी के ख़िलाफ़ क़ानूनी व विभागीय कारवाई की जाए, राज्य में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जाए।

(Udaipur Kiran) / रमेश डाबर / SANJEEV SHARMA

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