रांची, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट में फुटपाथ दुकानदारों को हटाने से पहले उनका पुनर्वास करने की मांग को लेकर नेशनल हॉकर फेडरेशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने मौखिक कहा कि सिर्फ सब्जी विक्रेता एवं फुटपाथ दुकानदारों को हटाने से काम नहीं चलेगा, उनके लिए रांची नगर निगम रांची शहर में जगह चिह्नित कर बताए।
कोर्ट ने मौखिक कहा कि सिर्फ फुटपाथ और सब्जी विक्रेताओं पर डंडा चलाने से नहीं होगा, उन्हें सब्जी बाजार एवं दुकान लगाने के लिए जगह दी जाए। यह उनकी आजीविका का साधन है। सब्जी विक्रेता ग्रामीण इलाकों से आते हैं और अपने उत्पाद को बेचकर चले जाते हैं। ऐसे में उनके उत्पाद के बदले उन्हें समुचित मूल्य मिले इसके लिए नगर निगम को एक जगह निर्धारित करना होगा।
कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि रांची नगर निगम इस दिशा में प्रयास नहीं करेगा तो कोर्ट अपने स्तर पर इसका समाधान निकालेगा। कोर्ट ने रांची नगर निगम के द्वारा फुटपाथ दुकानदारों एवं सब्जी विक्रेताओं को हटाए जाने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि बिरसा चौक, हीनू, लालपुर आदि क्षेत्र में सब्जी विक्रेताओं एवं फुटपाथ दुकानदारों को हटाए जाने के बाद भी शाम होते ही फिर से उसी जगह पर वे बाजार लगा देते हैं। हटिया स्टेशन रोड के निकट एवं सिंहमोड़ के आसपास सब्जी विक्रेता सड़क पर प्रतिदिन बैठते हैं।
कोर्ट ने मौखिक कहा कि अटल मार्केट बनने के बाद भी मेन रोड (महात्मा गांधी मार्ग) में फुटपाथ दुकानदार अपने दुकान लगा देते हैं, वे अटल मार्केट स्थित अपने दुकान को या तो भाड़े पर लगा देते हैं या उसे खाली रखते हैं और मेन रोड में सड़कों का अतिक्रमण कर वहां बैठ जाते हैं। कोर्ट ने रांची नगर निगम से पूछा कि अटल मार्केट की बजाय में मेन रोड में बैठने वाले कितने दुकानदारों का अटल मार्केट का दुकान का आवंटन रद्द किया गया? कोर्ट ने कहा कि यह जनहित याचिका 10 साल से लंबित पड़ी हुई है। इतने वर्षों में रांची शहर के सब्जी विक्रेताओं और फुटपाथ दुकानदारों को व्यवस्थित नहीं किया जा सका है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना / चन्द्र प्रकाश सिंह