देहरादून, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि पार्टी का रुख हमेशा ही मन्दिर के मामले में सकारात्मक रहा है और उसने इसी कारण मुंबई में बद्रीनाथ मन्दिर का तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से शिलान्यास करते वक्त विरोध नहीं किया। कांग्रेस को अपनी मानसिकता को बदलने की जरूरत है।
कांग्रेस के बयानों पर पलटवार करते हुए चौहान ने कहा कि कांग्रेस को तब सनातन संस्कृति की याद नहीं आई, लेकिन आज उसकी चेतना जागी है तो वह तत्कालीन सीएम से इस पर सफाई मांग सकती है। उन्होंने कहा कि आज विरोध कर रहे शंकराचार्य को भी तब याद नहीं आयी उन्हें भी अपनी भूल पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
चौहान ने कहा कि प्रतीकात्मक मन्दिर पर भाजपा की मंशा स्पष्ट है और उसका न बद्रीनाथ मन्दिर और न ही दिल्ली में बनने वाले केदारनाथ मंदिर को लेकर कोई एतराज है। दिल्ली में बन रहा केदारनाथ मन्दिर एक ट्रस्ट का है और उसका उत्तराखंड सरकार या केदारनाथ मन्दिर समिति से कोई लेना देना नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वहां एक अतिथि के रूप मे गए थे, जबकि कांग्रेस उक्त मन्दिर को केदारनाथ की शाखा होने का दुष्प्रचार करती रही।
मनवीर चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज खुद को सनातन के प्रहरी के रूप में प्रदर्शित करने वाली कांग्रेस के तुष्टिकरण के इतिहास से देश की जनता वाकिफ है। राज्य के चार धाम की तस्वीर बदलने से लेकर आदि कैलाश और कैंची धाम तक जो भी विकास की तस्वीर उभरी है वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उतराखंड के प्रति विशेष लगाव और सीएम पुष्कर धामी के नेतृत्व में संभव हुआ। हमेशा ही सनातनियों के तीर्थों और आराध्य भगवान राम के अस्तित्व पर तुष्टिकरण के लिए सवाल उठाने वाली कांग्रेस का अचानक धार्मिक चोला ओढ़ना आश्चर्यजनक नहीं बल्कि सरासर आडंबर है। कांग्रेस यह सब रसातल में जाने से बचने के लिए कर रही है, लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति करके वह सनातन विरोधी हो गयी और अब दुविधा की स्थिति में उसे कुछ नहीं सूझ रहा।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार / वीरेन्द्र सिंह