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इतिहास के पन्नों में 14 जुलाईः बड़ी दिलचस्प है बर्फ की कहानी

ये कोलकाता का बर्फघर की 1851 की तस्वी है। 19वीं सदी के बीच जब अमेरिका से समुद्री जहाज से लदकर बर्फ भारत आने लगी तो उन्हें रखने के लिए कई शहरों में बर्फघर बनाए गए। यह आमतौर पर वह शहर थे जो बंदरगाह शहर कहलाते थे-जैसे कोलकाता, मुंबई और मद्रास। ट्यूडर पहली बार द क्लिपर टस्कनी जहाज से 1833 में बर्फ लेकर भारत पहुंचा था। फोटो- द ब्रिटिश लाइब्रेरी से साभार।

देश-दुनिया के इतिहास में 14 जुलाई की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। वैसे इतिहास में यह तारीख बर्फ के आविष्कार के रूप में दर्ज है। बर्फ आज भी हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं। 14 जुलाई,1850 को मशीन से बर्फ जमाने का पहली बार प्रदर्शन किया गया था। इस मशीन को तैयार किया था अमेरिकन वैज्ञानिक डॉ. जॉन गैरी ने। ऐसा कहा जाता है कि बुखार से जूझ रहे लोगों को ठंडक देने के लिए डॉ. जॉन ने इस मशीन का अविष्कार किया। इसके बाद ही फ्रिज के अविष्कार को गति मिल सकी। अगर धरती पर मिली प्राकृतिक बर्फ की बात की जाए तो इसका इतिहास तकरीबन 2.4 अरब साल पुराना है। वैज्ञानिकों ने उस समय को हुरोनियम हिमयुग का नाम दिया, जो 2.1 अरब साल पहले खत्म भी हो चुका है। एक समय भारत भी अपने प्रयोग के लिए बर्फ खरीदता था।

दुनिया में बर्फ का सबसे पहला कारोबार फ्रेडरिक ट्यूडर ने किया। उन्हें आइस किंग कहा जाता है। ट्यूडर ने बर्फ का अविष्कार होने से पहले ही प्राकृतिक बर्फ की बिक्री शुरू की थी। उन्होंने पहली बार बर्फ की बड़ी खेप 1806 में कैरेबियाई देश भेजी, लेकिन यह प्रयास पूरी तरह विफल रहा, क्योंकि गर्म देश तब तक इसके लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद ट्यूडलर से सैमुअल ऑस्टिन ने बर्फ की सबसे बड़ी खेप खरीदी। सैमुअल ऑस्टिन अपने साथ बर्फ लेकर 1833 में कोलकाता पहुंचा। उस समय 100 टन बर्फ लाई गई थी। इससे अंग्रेजों के दिल बाग-बाग हो गए। इसके लिए स्वयं तत्कालीन गवर्नर जरनल ने जहाज के कप्तान का शुक्रिया अदा किया। यह खबर मुंबई और दिल्ली तक पहुंची तो अंग्रेज और धनी भारतीयों (अधिकांश पारसी) ने बर्फ जमा करने के लिए बर्फघर बनाए। भारत में यह व्यवसाय काफी फला-फूला। व्यापारी ट्यूडर ने 20 साल में तब 16 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया।

प्राचीन भारत में राजा और महाराजा कैसे बर्फ मंगवाते थे? मुगल बादशाह कैसे इसका इस्तेमाल करते थे? इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है। कहा जाता है कि राजा-महाराजा, सम्राट और धनी लोग पहाड़ों से बर्फ के टुकड़े मंगवाते थे। भारत में मुगल बादशाह हुमायूं ने 1500 में कश्मीर से बर्फ को तोड़कर उसकी सिल्लियों का आयात करना शुरू किया। फिर मुगल राजा फलों के रस को बर्फ से ढके पहाड़ों की ओर भेजते थे। वहां उन रसों को जमाकर शर्बत बनाते थे। फिर इसे गर्मियों में पीते थे।

मुगलकाल में बर्फ को पिघलने से रोकने के लिए उस पर सॉल्टपीटर (पोटेशियम नाइट्रेट) छिड़का जाता था। कहते हैं कि कुल्फी भारत में मुगलकाल से बनना शुरू हुई। अकबर के शासनकाल में हिमालय की वादियों से बर्फ लाई जाती थी। इसके लिए हाथी, घोड़ों और सिपाहियों की सहायता ली जाती थी। आगरा से हिमालय पर्वत की दूरी करीब 500 मील है। बुरादे और जूट के कपड़ों में लपेटकर बर्फ को हिमालय से आगरा तक पहुंचाया जाता था। दूरी अधिक होने के कारण बर्फ की बड़ी सिल्ली आगरा पहुंचते-पहुंचते छोटी सी रह जाती थीं। मुगलों की भांति महाराजा रणजीत सिंह भी हिमालय से बर्फ मंगवाया करते थे। अंग्रेजो को बर्फ मंगवाने को यह तरीका बहुत महंगा लगा था। उन्होंने दिल्ली में ही बर्फ जमाने का प्रबंध किया। दिल्ली गेट से तुर्कमान गेट तक खंदकें खोदकर उनमें नमक मिला पानी भर कर टाट और भूसे की मदद से सर्दियों में बर्फ की पपड़ी तैयार की जाती थी जिसे विशेष गड्ढों से गर्मियों तक सुरक्षित रखा जाता था। रोम का कुख्यात सम्राट नीरो भी दूरदराज के पहाड़ों से बर्फ मंगवाया करता था और उसमें बेर आदि फल मिलाकर उसे खाता था।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1223: फिलिप द्वितीय की मृत्यु के बाद उनके बेटे लुई फ्रांस के राजा बने।

1636ः मुगल बादशाह शाहजहां ने औरंगजेब को दक्कन का वायसराय नियुक्त किया।

1789ः फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत। इस दौरान बास्टिल की ऐतिहासिक जेल पर पेरिस की जनता ने अधिकार कर लिया और उसके बड़े हिस्से को तबाह कर दिया।

1850: मशीन से जमाई गई बर्फ का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन।

1861: अमेरिकी नागरिक कॉट लिंग ने अतीत के आविष्कारों के अनुभवों और अनुसंधानों के आधार पर हथियार के रूप में मशीनगन बनाई।

1914: पहले तरल ईंधन आधारित रॉकेट की डिजाइन का पेटेंट रॉबर्ट एच गोगार्ड ने हासिल किया।

1927: हवाई द्वीप में विमान की पहली व्यावसायिक उड़ान शुरू।

1940: द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी के बमवर्षक विमानों ने स्वेज पर बमबारी की।

1951 : सीबीएस चैनल पर घुड़दौड़ के रूप में किसी खेल कार्यक्रम का पहली बार रंगीन प्रसारण।

1965 : मंगल के पास से गुजरने वाले नासा के अंतरिक्ष यान ने किसी दूसरे ग्रह की पहली क्लोज अप तस्वीरें लीं।

1969 : जयपुर में मालगाड़ी और यात्री गाड़ी की टक्कर में 85 लोगों की मौत।

1969: अमेरिका के वित्त मंत्रालय और फेडरल रिजर्व सिस्टम ने 500, 1,000, 5,000 और 10,000 डॉलर के नोटों को बंद किया।

1972: तत्कालीन सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।

1987: ताइवान में 37 वर्षों के बाद मार्शल कानून समाप्त।

1991: इराक से ब्रितानी फौज की वापसी।

1996ः संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने पाकिस्तान को ब्राउन संशोधन के अंतर्गत हथियार भेजने शुरू किए।

1999ः मेकरी मोरीटा पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री नियुक्त।

2003ः रूस की येलेना इसिनबायेवा ने महिला पोल वाल्ट में नया विश्व रिकार्ड बनाया।

2007ः फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री सलम फयाद का इस्तीफा।

2008ः नेपाल की कार्यकारी संसद ने प्रधानमंत्री के निर्वाचन वाले संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दी।

2008ः वेनेजुएला की डायना मेंडोजा ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता।

2014: इंग्लैंड के चर्च ने महिलाओं को भी बिशप बनाने के पक्ष में वोट किया।

2015: नासा का न्यू होराइजन प्लूटो पर जाने वाला पहला अंतरिक्ष यान बना।

जन्म

1856ः सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल गणेश आगरकर।

1902ः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रभानु गुप्त।

1920ः पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शंकरराव चह्वाण।

1929ः भारतीय जनता पार्टी के नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश चंद्र जोशी।

निधन

1896ः हिन्दी को संस्कृतनिष्ठ बनाने का प्रयास करने वाले पत्रकार राजा लक्ष्मण सिंह।

1975ः फिल्म संगीत निदेशक मदन मोहन।

1982ः जाने-माने भारतीय चिकित्सा विज्ञानी रमन विश्वनाथन।

2003ः प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री लीला चिटनिस।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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