पश्चिम बर्दवान, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर के जॉयदेव एवेन्यू इलाके के एक परित्यक्त मकान में हाथ पैर बंधे हुए अवस्था में देखा गया।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, बुजुर्ग का नाम मगाराम घोष है। बूढ़े के तीन बेटे हैं। एक स्टील फ़ैक्टरी कर्मचारी है। दो बेटे निजी कंपनी में कर्मचारी हैं। वे दुर्गापुर में कहीं और रहते हैं। लेकिन, बीमार और बूढ़े पिता के लिए किसी के घर में कोई जगह नहीं है। लड़कों ने पिता को दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री के एक परित्यक्त आवास में खाट से बांधकर छोड़ दिया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, डेंगू के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दुर्गापुर नगर निगम के स्वास्थ्य कार्यकर्ता आजकल सुबह घर-घर जा रहे हैं। इसी दौरान शुक्रवार को उन्होंने एक परित्यक्त मकान में एक वृद्ध को बिस्तर पर हाथ पैर बंधे हुए अवस्था में देखा। खबर इलाके के पूर्व पार्षद मणि दासगुप्ता तक गयी। वह मौके पर पहुंचे और बुजुर्ग के बड़े बेटे दयामय घोष को बुलाया। उसे डांटा और इसकी सूचना दुर्गापुर थाने की पुलिस को भी दी गयी। बीमार वृद्ध के हाथ-पैर खोले गए।
बुजुर्ग के बड़े बेटे दयामय का ने कहा कि पिताजी यहीं रहते थे। इसीलिए उन्हें इसे यहां रखा गया है। पिताजी का इलाज कराया गया। उन्हें इसलिए बिस्तर को रस्सी से बांध दिया जाता है ताकि वह गिरे नहीं। मैं नियमित आता हूं। मैं अपने पिता का ख्याल रखता हूं। परिवार की हालत खराब होने के कारण पिता को उस आवास में रखा गया है। उन्हें इसमें कुछ भी ‘अमानवीय’ नहीं दिखा।
हालांकि पूर्व पार्षद मणि ने कहा कि मैंने ऐसा क्रूर दृश्य पहले कभी नहीं देखा। मगाराम बाबू इलाके में बहुत अच्छे इंसान के तौर पर जाने जाते हैं। लेकिन मैं सोच भी नहीं सकता था कि बूढ़े के बेटे अपने पिता के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे। अगर जरूरी हो तो बुजुर्ग के बेटे के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए जागरूकता बढ़ानी चाहिए।
(Udaipur Kiran) / धनंजय पांडे / गंगा राम