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सीआईडीएसएसबी उदयपुर में तैनात बाबू ने प्रेमिका और उसके बच्चे का रेता गला

सीआईडीएसएसबी उदयपुर में तैनात बाबू ने प्रेमिका और उसके बच्चे का रेता गला

जयपुर , 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । सीआईडी एसएसबी उदयपुर में तैनात बाबू ने रुपयों की लगातार बढ़ती डिमांड से परेशान होकर अपनी प्रेमिका और उसके बच्चे का गला रेत किया। फिलहाल मां-बेटे का अस्पताल में उपचार जारी है। इस मामले में हरमाड़ा थाना पुलिस ने कुछ ही घंटों में आरोपित बाबू को पकड भी लिया है। पुलिस आरोपित से पूछताछ में जुटी है।

पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि शुक्रवार सुबह इत्तला मिली कि हरमाडा थाना इलाके के नींदड पहाड़ी के जंगल में एक महिला और बच्चा घायल अवस्था में पड़े है। सूचना पर मौके पर पहुंच कर पुलिस ने तुरंत घायलों को कांवटिया अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को सवाई मानसिंह अस्पताल रेफर कर दिया गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने हमलावर सीआईडी एसएसबी उदयपुर में तैनात बाबू को टोंक रोड सांगानेर से गिरफ्तार कर लिया।

मकान दिलाने के बहाने लेकर आया था जयपुर, बेटे ने बचाई जान

थानाधिकारी दिलीप खादव ने बताया कि मामले में गिरफ्तार खड़क सिंह काशी नगर का रहने वाला है। आरोपित घायल विधवा गीता देवी और उसके बेटे को जयपुर में मकान दिलाने के बहाने जयपुर लेकर आया था। ट्रेन से उतरने के बाद ऑटो रिक्शा कर उन्हें जमीन से गड़ा सोना निकालने का बहाना कर नींदड़ बैनाड़ के जंगल में ले गया। वहां पर आरोपित ने पहले गड्ढा खोद लिया। इसके बाद धोखे से महिला के गले को आगे व पीछे से और बच्चे के गले को आगे से रेत दिया। महिला व बच्चे ने बचने के लिए आरोपित से काफी संघर्ष किया। बच्चे ने अपने बचाव में पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इस पर आरोपित दोनों को घायल अवस्था में छोड़कर वहां से भाग निकला। महिला व बच्चे को घायल अवस्था में पड़ा देखकर राहगीर ने पुलिस को सूचना दी थी। थानाधिकारी ने बताया कि मौके पर पहुंचकर गंभीर रूप से घायल मां-बेटे को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और मामले की सूचना देकर अस्पताल प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया था। चाकू से गला रेतने के कारण दोनों का काफी मात्रा में खून बह गया था। हमले में घायल गीता देवी और उसके बेटे 9 वर्षीय आशीष का अस्पताल में उपचार जारी है।

बांसवाड़ा में हुई थी दोस्ती, डिमांड बढ़ने पर बनाई हत्या की योजना

थानाधिकारी ने बताया कि उदयपुर से पहले खड़क सिंह की बांसवाड़ा में पोस्टिंग थी। इसी दौरान अंबापुर बांसवाड़ा निवासी गीता देवी पत्नी स्व तोलाराम मीणा खड़क सिंह के सम्पर्क में आई थी। दोनों में दोस्ती हो गई। दोस्ती अवैध सम्बंधों में बदल गई। इसके बाद आरोपित खड़क सिंह का तबादला उदयपुर में हो गया। महिला भी उसके पीछे-पीछे उदयपुर आ गई। यहां आरोपित ने उसके किराए का कमरा दिला दिया। यहां रहने के दौरान गीता देवी द्वारा आरोपित से रुपयों की डिमांड की जाने लगी। लगातार रुपयों सहित अन्य वस्तुओं की डिमांड बढ़ने और मामले की जानकारी खड़क सिंह के परिवार तक पहुंचने के डर से आरोपित ने महिला व उसके बच्चे को जान से मारने की योजना बना डाली। इसके बाद आरोपित ने महिला को जयपुर में मकान दिलाने का झांसा देकर अपने साथ लिया और ट्रेन में बैठकर तीनों जयपुर आ गए। जयपुर जक्शन पर उतरने के बाद आरोपित ने महिला को कहा कि जयपुर में एक स्थान पर जमीन में गड़ा सोना निकलता है। सोना निकालने के बहाने आरोपित ने रेलवे स्टेशन से ऑटो किराए पर लेकर महिला व उसके बच्चों को साथ लेकर सुबह नींदड़ बैनाड़ के जंगलों में पहुंच गया और वहां पर गड्ढा खोदने के बाद उनका गला रेत दिया। हत्या करने के बाद आरोपित उनकों गड्ढे में दफनाना चाह रहा था। लेकिन बच्चे द्वारा पत्थर फेंककर हमला किए जाने से वह घबरा गया और उन्हें घायल अवस्था में छोड़कर वहां से भाग निकला।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) सैनी / संदीप माथुर

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