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राेहतक: महाभारत काल में आया था 13 दिनों का आषाढ़ माह का कृष्ण पक्ष : सिमरन दुआ

रोहतक, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । इस वर्ष आषाढ़ मास का कृष्ण पक्ष केवल 13 दिनों का है। ऐसा संयोग द्वापर युग के महाभारत काल में था आया था। यह कहना है ज्योतिष शास्त्र की जानकार सिमरन दुआ का। उन्होने बताया कि आषाढ़ मास 23 जून से शुरू है और 21 जुलाई तक चलेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल संवत् 2081 में बहुत समय बाद आषाढ़ कृष्ण पक्ष केवल 13 दिनों का पर रहा है।

ज्योतिष शास्त्र में इसे दुर्योंग काल माना जा रहा है। ऐसा संयोग महाभारत काल में पड़ा था। इस साल दुर्योग काल के चलते प्रकृति का प्रकोप बढऩे की संभावना जताई जा रही है। विक्रम संवत् का प्रत्येक महीना दो पखवाड़ा यानी 15-15 दिनों का होता है। इसे कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष कहा जाता है। जब किसी पक्ष में एक तिथि दो दिन पड़ती है तो यह पक्ष 16 दिनों का हो जाता है और तिथि के घटने पर 14 दिनों का होता है। उन्होंने बताया कि विक्रम संवत 2081 में आषाढ महीने का कृष्ण पक्ष 23 जून से शुरू होकर 5 जुलाई तक चला अर्थात कृष्ण पक्ष 13 दिनों का ही रहा। अब शुक्ल पक्ष छह जुलाई से शुरू होकर 21 जुलाई तक चलेगा। इस कृष्ण पक्ष में दो तिथियों द्वतिया और चतुर्थी का क्षय हो रहा है, इसलिए यह कृष्ण पक्ष केवल 13 दिनों का ही रहा। उन्होंने बताया कि ऐसा संयोग बहुत सालों में आता है, इसे विश्व घस्र पक्ष कहते हैं। यह बहुत बड़ा दुर्योग है, बहुत वर्ष बाद ऐसा दुर्योग आता है। ऐसा वर्णित है कि महाभारत युद्ध के पहले 13 दिन के पक्ष का दुर्योग काल आया था। उस समय बड़ी जनधन हानि हुई थी। ज्योतिष शास्त्र में इसे अच्छा नहीं माना गया है। ऐसा दुर्योग होने से अतिवृष्टि, अनावृष्टि, राजसत्ता का परिवर्तन, विप्लव, वर्ग भेद आदि उपद्रव होने की संभावना पूरे साल बनी रहती है। यह दुर्योग संक्रामक रोगों की भी वृद्धि कर सकता है। इस पक्ष में मांगलिक कार्य, व्रतारम्भ, उद्यापन, भूमि भवन का क्रय विक्रय, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्यों का त्याग कर देना चाहिए।

(Udaipur Kiran) / अनिल शर्मा / SANJEEV SHARMA

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