सोनीपत, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,
मुरथल की टीचिंग एसोसिएशन डीक्रूटा ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अनियमितताओं के आरोप
लगाए हैं। डीक्रूटा का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन हरियाणा विधानसभा में पास
विश्वविद्यालय एक्ट का उल्लंघन कर रहा है और अपने हित साधने के लिए कार्य कर रहा है।
डीक्रूटा ने शुक्रवार काे आराेप लगाते हुए कहा कि कुलपति ने राज्यपाल की आंखों में
धूल झोंककर ईसी के सदस्यों को नॉमिनेट करवाया। ईसी की मीटिंग में कर्मचारियों के खिलाफ
चोरी-छिपे एजेंडे लाए गए। डीक्रूटा ने इस संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजा है।
उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कंसल्टेंसी से आने वाले पैसे पर रोक लगाने
की तैयारी कर ली है।
डीक्रूटा ने कहा कि विश्वविद्यालय एक्ट के अनुसार ईसी के छह
सदस्य कुलपति की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। ये सदस्य प्रसिद्ध
व्यक्ति होने चाहिए,जो इंडस्ट्री, चैंबर ऑफ कॉमर्स, तकनीकी विश्वविद्यालय, आईआईटी,
आईआईएम या एआईसीटीई से हों। लेकिन कुलपति ने ऐसे सदस्य नॉमिनेट करवाए, जो इन मानकों
के अनुरूप नहीं हैं।
डीक्रूटा ने आरोप लगाया कि ईसी की मीटिंग का एजेंडा सभी सदस्यों
को 15 दिन पहले भेजा जाना चाहिए, लेकिन कुलपति ने मुख्य एजेंडा सिर्फ तीन-चार दिन पहले
भेजा। 4 जुलाई को हुई ईसी में अचानक टेबल एजेंडे को कांफिडेंशियल एजेंडा का नाम देकर
पेश किया गया।
डीक्रूटा ने यह भी आरोप लगाया कि कुलपति ने कंसल्टेंसी रूल्स
में अपनी मनमर्जी से बदलाव कर लिए। नए नियमों के तहत कर्मचारी अपनी एक वर्ष की कुल
सैलरी का 50 प्रतिशत ही कंसल्टेंसी कर सकते हैं, जबकि कर्मचारी कंसल्टेंसी से विश्वविद्यालय
को करोड़ों रुपये का लाभ देते हैं। डीक्रूटा ने इस मामले में राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर
कुलपति पर कार्रवाई की मांग की है।
(Udaipur Kiran) परवाना / SANJEEV SHARMA