RAJASTHAN

विदेश में उच्च अध्ययन के लिए संचालित छात्रवृत्ति योजना को बंद करने का विचार नहीं–सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री

राजस्थान

जयपुर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने शुक्रवार को राज्य विधान सभा में आश्वस्त किया कि विदेश में उच्च अध्ययन के लिए मेधावी विधार्थियों को राज्य सरकार द्वारा नियमानुसार दी जाने वाली छात्रवृत्ति को बंद नहीं किया जाएगा।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व में यह योजना राजीव गाँधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस के नाम से संचालित थी, जिसमें 500 छात्रों को प्रतिवर्ष लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य था। वर्तमान सरकार ने योजना का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर संशोधित कर लाभान्वित किये जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भी संशोधन किया है। प्रदेश के महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे 8 लाख विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने की दृष्टि से यह बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि योजना में रसूखदार व्यक्तियों के बच्चो के बजाय जरूरतमंद वर्ग के मेधावी बच्चों को लाभ देने के उद्देश्य से भी बदलाव किया गया है। आगामी समय में मेरिट के आधार पर विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि गत सरकार द्वारा केंद्र सरकार से अनुसूचित जनजाति के छात्रों की बकाया छात्रवृत्ति राशि प्राप्त करने के सम्बन्ध में कोई प्रयास नहीं किया गया। वर्तमान सरकार के प्रयासों से वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार को प्राप्त संभावित आवेदनों मंय 401.39 करोड़ रुपये एवं पहले के बकाया 257. 42 करोड़ रूपये समेत कुल 658.81 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय को भेजे गए थे। इसमें से 220 करोड़ रूपये प्राप्त कर राज्य सरकार द्वारा पात्र छात्रों के खाते में हस्तांतरित कर दिए गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार के प्रयासों से जल्द ही 438.81 करोड़ की शेष राशि भी केंद्र सरकार से प्राप्त कर ली जाएगी।

इससे पहले विधायक इन्द्रा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि विदेश में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए संचालित छात्रवृत्ति योजनाओं को बंद करने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नही है।

गहलोत ने बताया कि सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति, उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति, विधवा एवं परित्यक्तता मुख्यमंत्री (बी.एड) सम्बल योजना में छात्रवृत्ति, बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना में अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति, बोर्ड एवं विश्वविद्यालय में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण जनजाति के प्रतिभावान छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। इन छात्रवृत्ति योजनाओं के अन्तर्गत वर्ष 2023-24 में योजनावार जिलेवार लाभार्थियों का विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।

(Udaipur Kiran) / संदीप माथुर

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