कोलकाता, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश का 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नौ से 12 जुलाई तक श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट (एसएमपी) के दौरे पर रहा है। इस दौरे का उद्देश्य बांग्लादेश के निर्यात-आयात कार्गो के भारतीय पूर्वी तट पर स्थित बंदरगाहों के माध्यम से ट्रांसशिपमेंट की संभावनाओं का आकलन करना था। बांग्लादेश के नौवहन मंत्रालय के संयुक्त सचिव एसएम मोस्तफा कमाल के नेतृत्व में इस प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्रालयों, निजी हितधारकों और बांग्लादेश के बंदरगाहों के प्रतिनिधि शामिल थे।
पोर्ट के प्रवक्ता संजय मुखर्जी ने शुक्रवार को बताया कि 10 जुलाई को हल्दिया और 11 जुलाई को कोलकाता में बंदरगाहों का दौरा किया गया। यह दौरा दिसंबर 2023 में ढाका में हुई भारत-बांग्लादेश शिपिंग सचिव स्तर की वार्ता के दौरान बनी सहमति के अनुरूप था। एसएमपी कोलकाता के चेयरपर्सन रथेंद्र रमन, केडीएस के डिप्टी चेयरपर्सन सम्राट राहि, एचडीसी के डिप्टी चेयरपर्सन एके मेहरा, आईडब्ल्यूटी निदेशक एपीएस सिरोही, आईडब्ल्यूएआई के निदेशक एके बंसल और एसएमपी कोलकाता के अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को कोलकाता डॉक सिस्टम और हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स की वर्तमान बुनियादी ढांचे और बांग्लादेश से निर्यात के लिए कंटेनरीकृत कार्गो को संभालने की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी।
एसएमपी कोलकाता के रणनीतिक लाभ और बांग्लादेश से इसकी निकटता को रेखांकित किया गया। आईबीपी प्रोटोकॉल रूट के लाभों को उजागर करते हुए भारत-बांग्लादेश व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया गया। चर्चा का मुख्य बिंदु बांग्लादेश के निर्यातकों को मिलने वाले विभिन्न व्यापारिक लाभों पर केंद्रित था, जिसमें कंटेनरों की आसान उपलब्धता, अन्य पूर्वी भारतीय बंदरगाहों की तुलना में कम पारगमन समय, समर्पित जहाजों का आवंटन और परिचालन लागत का अनुकूलन शामिल है।
एसएमपी कोलकाता और चीन के बीच सीधी यात्रा सेवाओं की प्रस्तावित शुरुआत, एसएमपी कोलकाता-चटगांव और यांगून बंदरगाह के बीच नियोजित पोत आवागमन, नाइट-नेविगेशन सिस्टम की शुरुआत और एसएमपी कोलकाता में विस्तारित सहयोगी सेवा सुविधाओं की उपलब्धता पर भी चर्चा की गई। यह बताया गया कि वर्तमान बाजार परिदृश्य में, चटगांव से एसएमपी कोलकाता के लिए निर्यात कार्गो की शिपमेंट की लागत-तुलनात्मक विश्लेषण ने यह साफ कि अन्य ट्रांसशिपमेंट बंदरगाहों की तुलना में एसएमपी कोलकाता के माध्यम से शिपिंग अधिक किफायती होगी।
बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल ने इस यात्रा के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद जताई। प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने आश्वासन दिया कि बांग्लादेश लौटने पर सभी हितधारकों के साथ बैठक कर प्राप्त आंकड़े, विश्लेषण और तुलना पर चर्चा की जाएगी और एक रिपोर्ट बांग्लादेश के नौवहन मंत्रालय को सौंपी जाएगी। यह रिपोर्ट कूटनीतिक माध्यमों से भारत को भी प्रेषित की जाएगी। एसएमपी कोलकाता के प्रवक्ता संजय कुमार मुखर्जी ने कहा कि दोनों पक्ष भारत और बांग्लादेश के बीच समुद्री संपर्क में एक नए युग की शुरुआत के लिए आशान्वित हैं।
(Udaipur Kiran) / ओमप्रकाश सिंह / सुनीत निगम