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भारत-कतर जेडब्ल्यूजी ने व्यापार बैठक में सहयोग के संभावित क्षेत्रों की पहचान की

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के लोगो का फाइल फोटो

नई दिल्‍ली, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारत और कतर संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) ने व्यापार को सुगम बनाने के लिए कतर के दोहा में 10 जुलाई को बैठक की। इस बैठक में भारत के वाणिज्य सहित अन्य मंत्रालयों एवं संगठनों के अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें रत्न एवं आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स, एमएसएमई और खाद्य प्रसंस्करण जैसे संभावित क्षेत्रों की सहयोग के रूप में पहचान की गई।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि दोहा में संयुक्त कार्य समूह की आयोजित बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग की आर्थिक सलाहकार प्रिया पी. नायर और कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग एवं व्यापार समझौते के निदेशक सालेह अल-माना ने की। इस बैठक में दोनों पक्षों ने 2025 में नई दिल्ली में संयुक्त कार्य समूह की अगली बैठक आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।

मंत्रालय ने कहा कि वाणिज्य सहित अन्य मंत्रालयों एवं संगठनों के अधिकारियों वाले एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 10 जुलाई को दोहा में कतर पक्ष के साथ जेडब्ल्यूजी की एक बैठक में दोनों पक्षों ने व्यापार को सुगम बनाने और माल पर सीमा शुल्क नियंत्रण के लिए आगमन-पूर्व सूचना के आदान-प्रदान में खाद्य सुरक्षा और सहयोग पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) के लिए जारी चर्चाओं की प्रगति की समीक्षा के साथ उन्हें जल्‍द पूरा करने पर सहमति जताई।

मंत्रालय के मुताबिक दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार में व्यवधान उत्पन्न करने वाले सभी मुद्दों का शीघ्र समाधान निकालने और दोनों देशों के बीच व्यापार संवर्धन को सुगम बनाने पर भी सहमति जताई। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश सहयोग के लिए निजी क्षेत्र के दृष्टिकोण और प्रस्तावों का अनुसरण करने और उन्हें कार्यान्वित करने में अपनी निर्धारित भूमिका निभाने के लिए संयुक्त व्यापार परिषद को सक्रिय करने की संभावित व्यवस्था पर भी विचार-विर्मश किया।

इसके अलावा दोनों पक्षों ने इस बैठक में द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग में हाल के घटनाक्रमों की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि इस संबंध को और आगे बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। इस संबंध में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार के साथ-साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए कई प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की। इनमें रत्न और आभूषण, सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच सहयोग, स्थानीय मुद्रा में व्यापार, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य सुरक्षा, एमएसएमई आदि में सहयोग शामिल है।

उल्‍लेखनीय है कि भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय व्यापार बीते वित्त‍ वर्ष 2023-24 में 14.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा है। भारत, कतर का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है।

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर / पवन कुमार श्रीवास्तव

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